अक्सर विवादों में रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को लखनऊ कोर्ट से एक वारंट जारी हुआ है. वारंट में उनकी सांसद बेटी संघमित्रा समेत परिवार के कई और लोगों का भी नाम है. हैरानी की बात ये है कि इस बार मामला कोई राजनीतिक नहीं, बल्कि बेटी के लिव इन रिलेशनशिप और तलाक की बात छिपाने का है. कोर्ट ने 20 फरवरी को तलब करने का आदेश दिया है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में रहने वाले दीपक कुमार स्वर्णकार ने कोर्ट में अर्जी दी थी. इसमें वादी दीपक ने कहा है कि वह और स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा साल 2016 से लिव इन रिलेशनशिप में थे. संघमित्रा ने खुद को एक तलाकशुदा महिला बताया था. दीपक का दावा है कि इसके बाद जनवरी 2019 को स्वामी प्रसाद मौर्य के घर पर उन दोनों की शादी कराई गई थी. तब से दोनों पति-पति के रूप में रह रहे थे.
अब दीपक का आरोप है कि साल 2019 के चुनाव में नामांकन के दौरान संघमित्रा ने खुद को अविवाहित बताय था. इसके बाद दीपक को मालूम हुआ कि 2021 में संघमित्रा का तलाक हुआ था. दीपक का आरोप है कि जब उन्होंने संघमित्रा से विधि-विधान के साथ शादी कराने के बाद कही तो उन पर कई बार जानलेवा हमला किया गया. इसी मामले में दीपक ने कोर्ट का रुख किया.
कोर्ट ने अब इस मामले में स्वामी प्रसाद मौर्य, उनकी बेटी संघमित्रा, नीरज तिवाली, सूर्य प्रकाश शुक्ला और ऋतिक सिंह को आरोपी के रूप में कोर्ट में तलब किया है. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अंबरीश श्रीवास्तव ने इस मामले में 20 फरवरी की तारीख मुकर्रर की है. स्वामी प्रसाद मौर्य अक्सर अपने विवादित बयानों के कारण सुर्शियों में बने रहते हैं.