भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 6 मई तक आसानी चक्रवात भारत में दस्तक दे सकता हैं। इस चक्रवात का नाम श्रीलंका द्वारा दिया गया हैं। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा हैं कि अगर ये चक्रवात आकार लेने में सफल होता है तो यह लगातार तीसरा साल होगा जब भारत के समुद्री इलाकों में तूफान आएगा।
गौरतलब है इससे पहले 2020 में अम्फान तूफान ने पश्चिम बंगाल और 2021 में यास तूफान ने ओडिशा को प्रभावित किया था। इस बार असानी तूफान भी ओडिशा के स्थल भाग से ही टकरा सकता है।
विभाग की तरफ से जारी एक सूचना में कहा गया है कि उत्तरी अंडमान सागर में कभी भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन सकता है। 6 मई तक यहां भी चक्रवात को देखा जा सकेगा । इस दौरान तेज तूफान अराकान तट के साथ आगे बढ़ेगा।
मौसम विभाग की मानें तो 6 मई को दक्षिण अंडमान सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनना तय है। इसके बाद यह गहरे दबाव में बदलकर आगे बढ़ेगा। ओडिशा के तट पर चक्रवात काफी तेज गति से लैंडफाल करेगा। हालांकि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही स्पष्ट होगा चक्रवात का मार्ग क्या होगा, इसकी रफ्तार क्या होगी।
आसानी चक्रवात का मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, उत्तर पूर्व के राज्यों में इसका असर देखने को मिल सकता है। इन सभी राज्यों तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो सकती है। 6 मई को चक्रवात का असर दिल्ली, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी देखा जा सकता है। यहां भी तेज हवाएं चल सकती हैं।
वहीं, इस चक्रवात का असर 20 से अधिक राज्यों में देखने को मिल सकता हैं। कई राज्यों छिटपुट बूंदाबांदी भी हो सकती हैं, साथ ही उत्तर प्रदेश में बारिश के साथ गरज भी देखने के आसार हैं।
बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भी मौसम बदल गया है। यहां के कई जिलों में बारिश और बूंदाबांदी से मौसम अच्छा हो गया है। तापमान में तीन से चार प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। राजधानी दिल्ली में भी लोगों को हीट वेब से राहत मिल सकती है।