CM Nayab Singh Saini Resign: हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। उम्मीदवारों के नाम का ऐलाना करना हो या फिर जनता को लुभाने के लिए चुनाव प्रचार, राजनीतिक पार्टिया पूरे दमखम से हरियाणा विधानसभा चुनाव फतेह करने में जुटी हुई हैं। इस बीच ख़बर आ रही है कि आज हरियाणा विधानसभा को भंग कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सीएम नायब सिंह सैनी भी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। जानकारी के मुताबिक आज शाम बुधवार को हरियाणा कैबिनेट की बैठक होनी है। इस बैठक में विधानसभा को भंग करने पर मुहर लग जाएगी। जानकारी के मुताबिक कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम नायाब सिंह सैनी हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से विधानसभा भंग करने की सिफारिश करें।
ऐसे में सवाल उठता है कि हरियाणा में ऐसा क्या हुआ कि समय से पहले हरियाणा विधानसभा को भंग किया जा रहा और सीएम इस्तीफा दे रहे हैं।
क्या है ये संवैधानिक संकट?
दरअसल, संवैधानिक रूप सें हर 6 महीने में एक बार राज्य सरकारों को विधानसभा का सत्र बुलाना जरुरी होता है। ऐसा ना करने पर राज्य पर संवैधानिक संकट आ सकता है। हरियाणा विधानसभा का आखिरी सत्र 13 मार्च को बुलाया गया था। ऐसे में 6 महीने के अंदर फिर से दूसरा सत्र बुलाना जरुरी है, जिसकी अंतिम तीथी 12 सितंबर तक है। वहीं अगले महीने 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में हरियाणा में विधानसभा सत्र को बुलाने की कोई खास जरूरत नहीं है। इसलिए संवैधानिक संकट से बचने के लिए सीएम को राज्यपाल से विधानसभा को भंग करने की सिफारिश करनी होगी।
संविधान के अनुच्छेद 174 का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य की विधानसभाएं नियमित रूप से काम करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। इसमें राज्य के राज्यपाल द्वारा विधान सभा या विधान परिषद की बैठकों के बारे में प्रावधान किए गए हैं। अनुच्छेद 174 के अनुसार राज्यपाल राज्य विधान सभा या विधान परिषद के प्रत्येक सत्र को समय-समय पर बुलाने का अधिकार रखता है। राज्य की विधानसभा और विधान परिषद के दो सत्रों के बीच अधिकतम 6 महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता है। इसका मतलब ये कि प्रत्येक 6 महीने के राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित होना अनिवार्य है।
कब होने हैं हरियाणा में विधानभा चुनाव
हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर एक चरण में चुनाव संपन्न होने हैं। मतदान 5 अक्टूबर को होना है और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे। बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और दुष्यंत चौटाला की जेजेपी ने एक साथ मिलकर सरकार बनाई थी। लेकिन कुछ समय बाद जेजेपी ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया। इस बार वह चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
क्या आप और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ रहे हैं चुनाव
वही पहले खबर आ रही थी कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी हरियाणा में विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ सकती है। कई दिनों तक दोनों पार्टियों के बीच कई दौर की बातचीत भी हुई। लेकिन सीटों के बटवारे पर आप और कांग्रेस में अभी तक बात बनती नहीं दिख रही। दोनों पार्टियों ने 90 विधानसभा सीटों में से लगभग आधी से ज्यादा सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। फिलहाल आप और कांग्रेस के हरियाणा में साथ चुनाव लड़ने की खबर नहीं। दोनों पार्टियां 90 विधानसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लड़ रही हैं।