मोबाइल, फ्रिज, टीवी हो जाए खराब तो ठगी से बचाएगा राइट टू रिपेयर, जानिए क्या हैं नियम

जब आपका मोबाइल, फ्रिज, टीवी खराब हो जाता है तो आप क्या करते हैं? सर्विस सेंटर पर ही जाते होंगे उसे ठीक कराने के लिए. लेकिन इसमें एक रिस्क ये रहता है कि जब आपका सामान शॉप वाला अपने पास रख लेता है तो उसके पार्ट्स चोरी होने या बदल जाने की परेशानी बनी रहती है. ऐसे में इस परेशानी से निजात पाने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स (MCA) ने एक Right To Repair पोर्टल लॉन्च किया था जिसमें नागरिकों को बिना वारंटी खोए अपने गैजेट्स और अप्लायंसेज को रिपेयर करने की अनुमति दी जाती है.

यह पोर्टल फिलहाल चार सेक्टर्स को कवर करता है जिसमें कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, ऑटोमोबाइल्स और फार्म इक्यूपमेंट शामिल हैं. इस पोर्टल पर प्रोडक्ट सर्विस, वारंटी, नियम व शर्ते समेत कई जानकारी मौजूद होती हैं. चलिए जानते हैं क्या है Right To Repair.

क्या है Right To Repair?
राइट टू रिपेयर यूजर्स को अपने डिवाइसेज को ओरिजनल मैन्यूफैक्चरर्स या थर्ड पार्टी रिपेयर शॉप से कम खर्च पर रिपेयर कराने का अधिकार देता है. इस नए पोर्टल का सीधा उद्देश्य यूजर्स को नए प्रोडक्ट को खरीदने के बजाय अपने पुराने फोन को ठीक कराने की आजादी देगा जिससे आपका खर्चा बहुत ज्यादा नहीं होगा. जैसा कि हमने आपको बताया कि यह सुविधा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, ऑटोमोबाइल्स और फार्म इक्यूपमेंट पर ही उपलब्ध है तो अगर आपका इनमें से कुछ सामान खराब हो जाता है तो उसे कम कीमत में सही कराया जा सकता है.

यह यूजर्स को कैसे करेगा मदद: 
अगर आपने कोई फोन या लैपटॉप खरीदा हो और कुछ ही दिनों में ये काम करना बंद कर दें या फिर स्लो हो जाए तो क्या होगा. ऐसा कहा जाता है कि कुछ कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को एक निश्चित अवधि के बाद काम करना बंद करने के लिए डिजाइन करती हैं. इसे कहते हैं प्लान्ड ओबसेलेंस. इस तरह की परेशानी से सरकार आप जैसे यूजर्स को बचाना चाहती है. इसी के लिए Right To Repair India नाम की वेबसाइट बनाई गई थी.

क्या स्पेयर पार्ट्स असली हैं: कभी-कभी, जब आपको अपने डिवाइस को ठीक करना होता है तो की बार आप ऐसे स्पेयर पार्ट्स खरीद लेते हैं जो असली नहीं हैं. यह वेबसाइट आपको यह सीखने में मदद करती है कि आप यह कैसे चेक कर सकते हैं कि आप जो खरीद रहे हैं वो असली या नहीं.

प्रोडक्ट पार्ट्स कहां से आते हैं: यह जानना बेहद जरूरी है कि आपेक डिवाइस के हिस्से कहां से आते हैं. यह वेबसाइट आपको उस देश के बारे में बताती है जहां पार्ट्स बनाए गए थे.

कीमत और वारंटी: जब आपको कुछ ठीक करने की आवश्यकता होती है, तो आप जानना चाहते हैं कि इसकी लागत कितनी होगी और क्या यह वारंटी में इसे कवर किया जाएगा. इसकी जानकारी भी आपको यहां से मिल जाएगी.

आपको यह सारी जानकारी देकर, सरकार को उम्मीद है कि आपके लिए अपने डिवाइस को ठीक करना और आपके द्वारा खरीदे जाने वाले प्रोडक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी लेना आसान हो जाएगा. इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करने में मदद मिलती है और आपका पैसा बचता है. आप वेबसाइट https://righttorepairindia.gov.in/ पर जा सकते हैं.

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