भगवान गणेश को समर्पित सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, तिल चतुर्थी और माघ चतुर्थी आदि नामों से भी जाना जाता है. माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ मनाई जाती है. इस दिन कुछ आसान से उपायों को करने से जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सकट चौथ को संतान की दीर्घायु देने वाला भी कहा जाता है.आइए आचार्य डॉ. विक्रमादित्य से जानते हैं कि सकट चौथ पर कौन से उपाय करें.
संतान की सफलता के लिए माताएं तिल चौथ व्रत को निर्जला रहती हैं. व्रती महिलाएं शाम को गणेश पूजन और चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही प्रसाद के साथ भोजन करती हैं. पुराणों के मुताबिक, महाभारत काल में श्रीकृष्ण की सलाह पर पांडु पुत्र धर्मराज युधिष्ठिर ने सबसे पहले इस व्रत को रखा था. उस दिन से अब तक महिलाएं अपने पुत्र की कुशलता के लिए इस व्रत को रखती आ रही है.
सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है. गणेश जी की पूजा से बुध, राहु और केतु से होने वाले कुंडली के दोष दूर होते हैं. गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना गया है इसलिए इस दिन गणेशजी की पूजा और व्रत करने से संतान की शिक्षा में आ रहीं रुकावटें दूर होती हैं. इसके साथ ही इससे सेहत भी अच्छी रहती है और समृद्धि भी बढ़ती है.
आज करें ये उपाय
1- सकट चौथ के दिन तिल और गुड़ के 21 या 11 लड्डू का भोग गणपति को लगाएं. मान्यता है इससे बुध दोष खत्म होता है. बप्पा संतान की हर संकट से रक्षा करते हैं.
2- सकट पूजा के दौरान चंद्रमा को जल में दूध और अक्षत मिलाकर अर्घ्य देना चाहिए लेकिन अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल के छींटे पैरों पर नहीं गिरें. चंद्रमा की पूजा से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही आत्मविश्वास और आरोग्य का वरदान प्राप्त होता है.
माघ महीने की तिलकुट चतुर्थी पर व्रत करने की परंपरा अच्छी सेहत को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है. माघ महीने की शुरुआत होते ही मौसम में बदलाव होने लगते हैं. इस चतुर्थी तिथि पर व्रत करने और तिल के इस्तेमाल से शरीर में जरूरी पौष्टिक चीजों की कमी दूर हो जाती है. इसके साथ ही इससे डाइजेशन सिस्टम इंप्रूव होने में मदद मिलती है.