हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन एक विशेष महत्व रखता है, और जब ये सोमवार के दिन पड़ती है, तो इसे और भी खास माना जाता है। इस साल, पौष माह की अमावस्या सोमवार को यानी 30 दिसंबर को पड़ रही है, जिसे सोमवती अमावस्या कहा जाएगा। सोमवती अमावस्या के दिन विशेष पूजा और तर्पण का महत्व है, जो जीवन में सुख और समृद्धि लाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और मनुष्य का जीवन बेहतर होता है।
लेकिन इस दिन कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये कार्य व्यक्ति के जीवन में परेशानियों को बढ़ा सकते हैं। आइए जानते हैं सोमवती अमावस्या से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, वर्जित कार्य, और क्या करना चाहिए इस खास दिन पर।
पौष अमावस्या 2024: तारीख और समय
पौष माह की अमावस्या तिथि 30 दिसंबर को सुबह 4:01 बजे से शुरू होगी और 31 दिसंबर को सुबह 3:56 बजे तक रहेगी। इस दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और दान-पुण्य करने का महत्व है।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
सोमवती अमावस्या के दिन कुछ विशेष कार्यों से बचने की सलाह दी जाती है। इन कार्यों को करने से जीवन में अनावश्यक समस्याएं और परेशानियां बढ़ सकती हैं।
- तुलसी में जल न डालें: अमावस्या के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह धार्मिक दृष्टि से अशुभ माना जाता है।
- मांस, मछली, शराब, प्याज और लहसुन का सेवन न करें: इस दिन मांस, मछली, शराब, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये चीजें आत्मा को शुद्ध नहीं करतीं।
- अपशब्दों का इस्तेमाल न करें: किसी से भी अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह दोष उत्पन्न कर सकता है।
- कब्रिस्तान या श्मशान घाट से न गुजरें: अमावस्या के दिन श्मशान या कब्रिस्तान से गुजरना अशुभ माना जाता है।
- सुनसान जगह पर न जाएं: इस दिन अकेले और सुनसान स्थान पर जाने से बचना चाहिए।
- नए काम की शुरुआत न करें: अमावस्या के दिन किसी नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए।
- क्रोध न करें: इस दिन क्रोध करने से बचना चाहिए, क्योंकि यह मानसिक शांति को भंग करता है।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए?
सोमवती अमावस्या का दिन खास रूप से पूजा, तर्पण और दान का होता है। इस दिन कुछ महत्वपूर्ण कार्यों को करके व्यक्ति अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता है।
- सात्विक आहार ग्रहण करें: इस दिन सात्विक आहार यानी शाकाहारी भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- शिव-पार्वती की पूजा करें: सोमवती अमावस्या के दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पितरों को तर्पण करें: इस दिन पितरों को याद करके उनका तर्पण करना चाहिए, इससे पितृ दोष समाप्त होता है।
- गंगा स्नान करें और दान करें: गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
- दीपक जलाएं: इस दिन घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाना चाहिए, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और लक्ष्मी जी का वास होता है।
क्या हम सोमवती अमावस्या पर बाल धो सकते हैं?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन बाल धोने से पितृ दोष हो सकता है। इसलिए सोमवती अमावस्या या किसी भी अमावस्या के दिन बाल धोने से बचना चाहिए।
क्या अमावस्या पर बाल कटवाने चाहिए?
अमावस्या के दिन बाल कटवाना अशुभ माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह दिन नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए।
सोमवती अमावस्या में क्या नहीं छूना चाहिए?
अमावस्या के दिन पीपल और तुलसी के पौधे को छूने से बचना चाहिए। इससे लक्ष्मी जी और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं।
अमावस्या के दिन कौन सा टोटका करना चाहिए?
इस दिन घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और लक्ष्मी जी का वास होता है।
सोमवती अमावस्या को क्या दान देना चाहिए?
सोमवती अमावस्या के दिन सफेद मिठाई, कपड़े, तिल, जूते-चप्पल और भोजन का दान करना चाहिए। इस दान से मानसिक शांति, सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
अमावस्या के दिन कौन सा दीपक जलाना चाहिए?
पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। यह माना जाता है कि इससे धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?
अमावस्या के दिन चांदी, झाड़ू, नया फर्नीचर और अन्य घर की चीजें खरीदने से बचना चाहिए। यह धार्मिक मान्यता है कि इन चीजों को खरीदने से व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है।
निष्कर्ष:
सोमवती अमावस्या का दिन विशेष महत्व रखता है और इसे धार्मिक दृष्टि से शांति, समृद्धि और पितृ दोष से मुक्ति का दिन माना जाता है। इस दिन हमें कुछ विशेष कार्यों से बचना चाहिए और पूजा, तर्पण, दान और दीपक जलाकर अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहिए।