नई दिल्ली। सियासत में सबकी नजर इस वक्त राहुल गांधी पर है। इसकी वजह केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट के अलावा लोकसभा में नेता विपक्ष का पद है। केरल की वायनाड और यूपी की रायबरेली लोकसभा सीट से राहुल गांधी चुनाव जीते हैं। रविवार को खबर थी कि राहुल गांधी जल्दी ही फैसला लेने वाले हैं कि वो किस सीट से सांसद रहेंगे। पहले कांग्रेस सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि राहुल गांधी सोमवार को इस बारे में फैसला ले सकते हैं। फिलहाल लग रहा है कि अभी वायनाड और रायबरेली पर राहुल गांधी का मंथन जारी है।
लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी वायनाड और रायबरेली का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने रायबरेली में जनता से कहा भी था कि अभी दुविधा में हैं कि वायनाड से सांसद बने रहें या रायबरेली से। राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि जो भी फैसला वो लेंगे, उससे वायनाड और रायबरेली दोनों जगह के ही लोग खुश होंगे। वायनाड में राहुल गांधी ने सीपीआई की एनी राजा को हराया था। वहीं, रायबरेली में उन्होंने बीजेपी के दिनेश प्रताप सिंह पर जीत दर्ज की थी। खास बात ये है कि वायनाड में इस बार राहुल गांधी की जीत का अंतर कुछ घट गया। 2019 में जितने वोट से राहुल गांधी वायनाड सीट जीते थे, उससे उनके वोट कम हो गए। हालांकि, रायबरेली में बड़ी मार्जिन से उन्होंने जीत दर्ज की थी।
एक तरफ वायनाड और रायबरेली है, तो दूसरी तरफ राहुल गांधी को ये फैसला भी लेना है कि वो लोकसभा में नेता विपक्ष बनेंगे या नहीं। कांग्रेस खेमे से लगातार ये आवाज उठ रही है कि राहुल गांधी को नेता विपक्ष बनना चाहिए। इस पद पर कभी राहुल गांधी नहीं रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि राहुल गांधी अगर विपक्ष के नेता बनते हैं, तो वो पीएम नरेंद्र मोदी के ठीक सामने मुकाबले के लिए खड़े दिखेंगे। अब सबकी नजर इस पर है कि राहुल गांधी दोनों अहम मामलों में फैसला कब करते हैं।