भारत में माह-ए-पाक रमजान की शुरुआत 11 मार्च सोमवार को चांद दिखने के साथ ही होने वाली है. इसके साथ ही 12 मार्च को पहले रोजे की शुरुआत हो जाएगी. चांद दिखते ही सभी मस्जिदों में तरावीह की नमाज शुरू हो जाएगी.
रमजान 1445 हिजरी की शुरुआत 11 मार्च से होना लगभग तय लग रहा है, क्योंकि 11 मार्च को सऊदी अरब में चांद दिख गया है. इस कारण रमजान की शुरुआत 11 मार्च से हो गई है. ईशा की नमाज के बाद दो पवित्र मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ी गई है. मजमाह यूनिवर्सिटी एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी ने रमजान के चांद देखे जाने की पुष्टि की है. साऊदी अरब में चांद दिखने से रोजे की शुरुआत की 11 मार्च से हो गई है.
रमजान का पाक महीना भारत में भी चांद दिखने के बाद से ही शुरू होता है. माना जाता रहा है कि 11 मार्च को भारत में रमजान का चांद दिखाई देगा. इसके साथ ही तरावीह की नमाज अदा करके रमजान की शुरुआत हो जाएगी. वहीं, भारत में पहला रोजा 12 मार्च को रखा जाएगा.
भारत में पहले रोजे की शुरुआत 12 मार्च से होगी तो यह 9 अप्रैल 2024 को समाप्त होंगे. वहीं, शब ए कद्र 6 अप्रैल 2024 को है. ईद उल फितर 10 अप्रैल 2024 को पड़ने वाला है.
इस बार पहला रोजा काफी छोटा मात्र 13 घंटे 20 मिनट के लिए रखा जाएगा. वहीं, आखिरी रोजा 14 घंटे 8 मिनट के लिए रखा जाना है. रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के लोग अनिवार्य रूप से रोजा रखते हैं. रोजा की शुरुआत सुबह सहरी के साथ होती है. वहीं, सूरज डूबने के बाद इफ्तार करके रोजा तोड़ा जाता है. इस महीने में बेहद ही अधिक आत्मसंयम और आत्म अनुशासन से रहना होता है. मान्यता है इस माह में की गई खुदा की इबादत का फल अन्य महीनों की तुलना 70 फीसदी अधिक मिलता है.