उत्तराखंड जनसंख्या घनत्व के मामले में भले ही छोटा राज्य हो लेकिन वीरता के इतिहास में उत्तराखंड राज्य का बहुत बड़ा नाम है. यहां के वीर-जवानों की गाथाएं भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखी गई है. सेना में बहादुरी दिखाने के मामले में उत्तराखंड के युवाओं ने हमेशा अपनी जांबाजी से मिसाल कायम की है.
आजादी से पहले हो या आजादी के बाद उत्तराखंड के युवा देश पर मर-मिटने के लिए हमेशा तैयार रहे हैं. अविभाजित उत्तर प्रदेश के इस क्षेत्र के नाम आजादी से पहले ही जहां तीन विक्टोरिया क्रॉस सहित 364 वीरता पदक थे, वहीं आजादी के बाद से अब तक यहां बहादुरों ने एक परमवीर चक्र सहित 1262 वीरता पदक अपने नाम किए हैं.
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देश भर में आज आर्मी डे यानि सेना दिवस मनाया जा रहा है तो जानते उत्तराखंड के वीर-जवानों के बारे में जिन्होंने भारत का नाम हमेशा गर्व से ऊंचा किया है.
ये हैं उत्तराखंड के हीरो
विक्टोरिया क्रॉस
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सूबेदार मेजर दरवान सिंह
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ऑनरेरी कैप्टन गजे सिंह घले
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रा. मै. गबर सिंह (मरणोपरांत)
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परमवीर चक्र
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ले. जन. डीएस थापा
अशोक चक्र
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नायक भवानी दत्त जोशी (मरणोपरांत)
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कप्तान उमेद सिंह (मरणोपरांत)
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हवलदार गजेंद्र सिंह बिष्ट (मरणोपरांत)
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हवलदार बहादुर सिंह बोहरा(मरणोपरांत)
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नायक मोहन नाथ गोस्वामी (मरणोपरांत)
स्वतंत्रता से पूर्व वीरता पदक
विक्टोरिया क्रॉस : 03
मिलिट्री क्रॉस : 25
इंडियन ऑर्डर ऑफ मेरिट : 53
इंडियन डिस्टिंग्विस्ड सर्विस मेडल : 89
मिलिट्री मेडल : 44
मैंशन-इन-डिस्पैच : 150
1947 से अब तक
परमवीर चक्र : 01
अशोक चक्र : 06
महावीर चक्र : 13
कीर्ति चक्र : 29
उत्तम युद्ध सेवा मेडल : 03
वीर चक्र : 100
शौर्य चक्र : 169
युद्ध सेवा मेडल : 28
सेना/नौ सेना/वायु सेना मेडल : 745
मैंशन-इन-डिस्पेच : 168