जयपुर: लोकसभा चुनाव में लगभग हर उम्मीदवार चाहता है कि उसके हलके में प्रधानमंत्री खुद चुनावी सभा करें, क्योंकि ऐसा होने पर वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हो सकता है, लेकिन जूनागढ़ सीट पर ऐसा नहीं है। यहां का इतिहास बताता है कि जब-जब किसी पीएम ने स्थानीय उम्मीदवार के लिए प्रचार किया है तो तो उसे हार का सामना करना पड़ा है।
जूनागढ़ से कांग्रेस विधायक भीखाभाई जोशी का तो यही कहना है। वह कहते हैं कि यहां विधानसभा या लोकसभा के लिए पीएम जब भी कैंपेन करते हैं तो कैंडिडेट हार जाता है। इस सीट पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ही रैली की है। इस सीट पर यह विरोधाभास 1970 से ही चला आ रहा है, जब स्वर्गीय इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं। उन्होंने अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए कैंपेन किया और वह हार गए। इसके बाद 1989 में राजीव गांधी कांग्रेस कैंडिडेट मोहनभाई पटेल के लिए कैंपेन करने पहुंचे तो उन्हें भी शिकस्त का सामना करना पड़ा, जबकि वह जनता दल उम्मीदवार गोविंदभाई शेखडा के मुकाबले मजबूत माने जा रहे थे।
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भीखाभाई कहते हैं, ‘पीएम नरेंद्र मोदी 2017 में यहां 6 बार के विधायक महेंद्र मशरू के लिए प्रचार करने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मैंने परास्त कर दिया।’ 10वीं पास 72 वर्षीय भीखाभाई का कहना है कि इस बार भी पीएम मोदी ने जूनागढ़ में रैली की है और इसका सीधा लाभ कांग्रेस उम्मीदवार पुंजा वंश को मिलेगा।