लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंगा गांधी वाड्रा से पूछा है कि दोनों तय करें, उनकी लड़ाई भाजपा से है या समाजवादी पार्टी से? अखिलेश के इस बयान के बाद अटकलें लगने लगी हैं कि क्या वह भाजपा को हराने के लिए 2022 का यूपी चुनाव बसपा और कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ना चाहते हैं. बसपा ने तो अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. लेकिन कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा संकेत दे चुकी हैं कि यूपी में गठबंधन के रास्ते खुले हैं.
क्या यूपी में फिर महागठबंधन चाहते हैं अखिलेश? यह पूछे जाने पर कि उनके चाचा शिवपाल यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है? अखिलेश यादव ने कहा, ”हम कोशिश करेंगे कि सभी पार्टियां बीजेपी को हराने के लिए एकजुट हो जाएं.” ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एबीएसपी) की अगुआई वाली भागीदारी मोर्चा, जिसमें असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी शामिल हैं, से जुड़े सवाल पर अखिलेश ने कहा, ”अभी तक उनसे कोई बातचीत नहीं हुई है.” एसपी अध्यक्ष ने बीएसपी और कांग्रेस जैसी बीजेपी की विरोधी पार्टियों से भी यह तय करने को कहा है कि वे किस पक्ष में हैं और उनकी लड़ाई किस पार्टी से है. उन्होंने कहा, ”इन पार्टियों को तय करना चाहिए कि उनकी लड़ाई किससे है.”
यूपी में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के 350 सीटें जीतने के दावे की याद दिलाने पर उन्होंने कहा, “लोगों में आक्रोश पनप रहा है और वे राज्य में भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए एक मौके की प्रतीक्षा कर रहे हैं. 350 का आंकड़ा हमारे अनुकूल है और हमारे कार्यकाल में किए गए विकास कार्यों को याद कर लोग अब महसूस कर रहे हैं कि उन्होंने 2017 में गलती की थी और भाजपा ने उन्हें झूठ बोलकर मूर्ख बनाया था. भाजपा ने लोकतंत्र को खोखला कर दिया है और वह संवैधानिक व प्रशासनिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है.”