आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद संजीव अरोड़ा पर ईडी की गाज गिरी है। सोमवार को ईडी की टीम ने जालंधर स्थित उनके घर पर छापेमारी की। संजीव अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से जमीन अपनी कंपनी के नाम ट्रांसफर कर दी है। इस छापेमारी को लेकर संजीव अरोड़ा ने एक्स प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया दी है, जहां उन्होंने कहा, “मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं। तलाशी की क्या वजह है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है लेकिन मैं एजेंसियों के साथ पूरा सहयोग करूंगा।”
ईडी की कार्रवाई के विस्तार
ईडी सूत्रों के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान 17 लोकेशन पर रेड की गई, जिसमें दिल्ली भी शामिल है। संजीव अरोड़ा के सहयोगी हेमंत सुंद के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। हेमंत एक बड़े रियल एस्टेट कारोबारी के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा, चंदशेखर अग्रवाल के ठिकानों पर भी जालंधर में छापेमारी हुई है। उनका नाम महादेव एप मामले में भी सामने आया था। ईडी रॉयल इंडस्ट्रीज कंपनी और रितेश प्रॉपर्टी पर भी छापेमारी कर रही है, जिनमें से रितेश प्रॉपर्टी संजीव अरोड़ा की कंपनी है।
मनीष सिसोदिया का बीजेपी पर हमला
संजीव अरोड़ा के घर पर हो रही छापेमारी को लेकर दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बीजेपी पर हमला बोला। सिसोदिया का कहना है कि ये छापेमारी राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है और इसे लेकर उनकी पार्टी ने अपनी आवाज उठाई है।
संजीव अरोड़ा का राजनीतिक सफर
संजीव अरोड़ा का राजनीति से पुराना नाता नहीं है, लेकिन उन्होंने भारतीय संसद में राज्यसभा के लिए चुने जाने के बाद से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की। जब उन्हें राज्यसभा में पंजाब से सदस्य के रूप में चुना गया था, तब किसी भी विपक्षी उम्मीदवार ने उनके चुनाव का विरोध नहीं किया। उनका कार्यकाल 10 अप्रैल 2022 से शुरू हुआ है, जिसका मतलब है कि उन्हें राजनीति में आए केवल 2 साल ही हुए हैं।
छापेमारी का संदर्भ
ईडी की छापेमारी संजीव अरोड़ा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी राजनीतिक पहुंच का उपयोग करके जमीन के लेन-देन में गड़बड़ी की। यह मामला न केवल उनके लिए, बल्कि आम आदमी पार्टी के लिए भी एक नई चुनौती हो सकता है। पार्टी के अन्य नेताओं के साथ-साथ अरोड़ा भी इस आरोप के खिलाफ अपनी स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।