नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव का आगाज हो गया है। रविवार को चुनाव आयोग ने ऐलान किया कि इस बार मतदान सात चरणों में संपन्न किए जाएंगे. पहले चरण का मतदान 11 अप्रैल को होगा जबकि वोटों की गिनती 23 मई को की जाएगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा प्रेस कांफ्रेंस इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पहले चरण की वोटिंग 11 अप्रैल, दूसरे चरण की वोटिंग 18 अप्रैल, तीसरे चरण की वोटिंग 23 अप्रैल, चौथे चरण की वोटिंग 29 अप्रैल, पांचवें चरण की वोटिंग 6 मई, छठा चरण 12 मई और सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग 19 मई को की जाएगी.
बता दें, चुनावों की घोषणा के साथ ही देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. अब चुनाव की पूरी प्रक्रिया समाप्त होने तक मुख्य चुनाव आयुक्त देश के सबसे शक्तिशाली शख्स हो जाएंगे. या यू कहे कि उनके पास इस बात के लिए भी अधिकार होगा कि अगर वह चाहे तो आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री पर भी कार्रवाई कर सकते है. तो आइए जानते हैं सुनील अरोड़ा की शख्सियत के बारे में-
– सुनील अरोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1980 बैच के राजस्थान कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. बतौर चुनाव आयुक्त अरोड़ा की नियुक्ति 31 अगस्त 2017 को हुई थी.
– राजस्थान में प्रशासनिक सेवा के दौरान विभिन्न जिलों में तैनाती के अलावा 62 वर्षीय अरोड़ा ने केंद्र सरकार में सूचना एवं प्रसारण सचिव और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया. इसके अलावा वह वित्त और कपड़ा मंत्रालय एवं योजना आयोग में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
– वह 1993 से 1998 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री के सचिव और 2005 से 2008 तक मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे है. उन्होंने 2 दिसंबर को देश के मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर अपना पदभार ग्रहण किया था.
– रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर रहे सुनील अरोड़ा को प्रेजिडेंट राम नाथ कोविंद ने चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत की जगह नियुक्ति प्रदान की थी. इससे पहले उन्हें सितंबर, 2017 में चुनाव आयुक्त के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है.
– पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के रिटायरमेंट के बाद उन्हें आयोग में शामिल किया गया था. इससे पहले वह भारत सरकार के दो मंत्रालयों, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय एवं स्किल डिवेलपमेंट ऐंड आत्रप्रेन्योरशिप मिनिस्ट्री, में सचिव के तौर पर काम किया था.
– चुनाव आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल छह साल या फिर 65 साल उम्र तक होता है. चुनाव आयोग में सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को ही मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर नियुक्त करने की परंपरा है.