भारतीय जनता पार्टी की भगवा लहर में एक बार फिर से राजस्थान में रिवाज कायम है। इस रिवाज में इस बार भाजपा पार्टी की कमान राजस्थान का योगी कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ को सौंप सकती है।
वह मुख्यमंत्री पद के बड़े दावेदार बताए जा रहे हैं। पोल में भी इन्हें प्राथमिकता मिली थी। यह कोई बड़ी बात नहीं कि हिंदुत्व के रथ पर सवार भाजपा राजस्थान की कमान बाबा को सौंप दे। यह पहली बार हुआ है जब भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए बिना चेहरा आगे किए चुनाव लड़ा है और जीत को प्रबल किया है।
बाबा बालक नाथ। हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित मस्तनाथ मठ के महंत हैं। अलवर से इस समय सांसद हैं। बालक नाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की तरह ही नाथ संप्रदाय से ही आते हैं।
इतना ही नहीं उनकी पहचान भी अब ‘राजस्थान का योगी’ के रूप में बन गई है। वही हिंदुत्व का मुददा और वही आक्रामक तेवर। इन्हें सुर्खियों में रखती है।
विधानसभा चुनावों के दौरान बालकनाथ ने कांग्रेस उम्मीदवार इमरान खान के साथ अपनी लड़ाई को भारत और पाकिस्तान के मैच की तरह बताया था। बाबा बालकनाथ भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
विधानसभा चुनाव नामांकन में योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। इतना ही नहीं बाबा बालकनाथ ने बुलडोजर पर सवार होकर भी चुनाव प्रचार किया था। बुलडोजर को उत्तर प्रदेश की राजनीति से लेकर अब देश की राजनीति में योगी आदित्यनाथ से जोड़कर देखा जाता है।
16 अप्रैल, 1984 को जन्मे बालक नाथ छह साल की उम्र में ही अध्यात्म अध्ययन के लिए महंत खेतानाथ के पास आ गए। इसके बाद वह महंत चांदनाथ के साथ हनुमानगढ़ मठ आ गए। महंत चांदनाथ नाथ संप्रदाय की सबसे बड़ी गद्दी अस्थल बोहर रोहतक के महंत थे और फिर 2016 में महंत चांदनाथ ने बाबा बालकनाथ को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।
2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अलवर से टिकट दिया तो उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता भंवर जितेंद्र सिंह को भारी वोटों हरा दिया