NEET पेपर लीक की परतें जैसे-जैसे खुल रही हैं, एक से एक चौंकानेवाले तथ्य सामने आ रहे हैं। NEET पेपर लीक का आरोपी सिकंदर यादवेंदु ने एनएचएआई के गेस्ट हाउस का कमरा बुक कराया था जहां अनुराग यादव, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार और पीयूष राज को 5 मई को होने वाली परीक्षा से ठीक एक दिन पहले 4 मई की परीक्षा से जुड़े सवाल दिए गए थे और इन लोगों ने रटकर अगले दिन परीक्षा दी थी। इन सभी ने पुलिस को दिए अपने बयान में यह कबूल किया है कि परीक्षा में ठीक वही सवाल पूछे गए जो इन्होंने रटे थे
राज्य सरकार में अधिकारी है सिकंदर यादवेंदु
अब सवाल यह है कि आखिर NEET पेपर लीक का आरोपी सिकंदर यादवेंदु कौन है जिसने तेजस्वी यादव के पीएस से पैरवी कर एनएचएआई का गेस्ट हाउस बुक कराया। जानकारी के मुतबिक सिकंदर जल संसाधन विभाग का अधिकारी था। उसकी पोस्टिंग जल संसाधन विभाग में हुई थी। लेकिन वह अपनी पहुंच के चलते नगर विकास विभाग में आ गया था। सिकंदर की पोस्टिंग दानापुर में थी और वहां वह जूनियर इंजीनियर के पद पर तैनात था। इतना ही नहीं सिकंदर को आस-पास के 4 इलाकों का प्रभार में मिला हुआ था। सिकंदर के खिलाफ एक बार एक सीनियर अधिकारी ने शिकायत की तो उसे सस्पेंड किया गया लेकिन अपनी पकड़ के चलते वो 10 दिन में ही दोबारा बहाल हो गया था। इससे पता चलता है कि उसकी पहुंच किस लेवल तक थी। आरोपी सिकंदर जूनियर इंजीनियर बनने से पहले ठेकेदार था। उसके दोनों बच्चे MBBS कर रहे हैं और सिकंदर LED घोटाले में जेल भी जा चुका है।
प्रीतम के फोन पर बुक हुआ कमरा
बिहार के डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले में यह दावा किया कि तेजस्वी के पीएस प्रीतम कुमार के फोन पर एनएसएआई का कमरा बुक हुआ था। उन्होंने इस संबंध में मोबाइल नंबर समेत तमाम कॉल डिटेल्स मीडिया के सामने पेश किया। उन्होंने कहा कि 1 मई को तेजस्वी के आप्त सचिव (पीएस) प्रीतम कुमार के मोबाइल नंबर से रात 9 बजकर 7 मिनट पर पथ निर्माण विभाग के कर्मचारी प्रदीप कुमार के मोबाइल नंबर पर एनएचआई गेस्ट हाउस में सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक कराने का फोन आया। उस दिन संज्ञान नहीं लिया। फिर 4 मई को सुबह 8 बजकर 49 मिनट पर प्रीतम कुमार के मोबाइल से प्रदीप कुमार को सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक कराने को कहा गया। कनीय अभियंता सिकंदर यादवेंदु के लिए कमरा बुक कराया गया।
तीन अधिकारी सस्पेंड
वहीं इस मामले में 3 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई बिना आवंटन लोगों को ठहराने, तथ्य को छुपाने, विभाग को बरगलाना के आरोप में की गई है। निलंबित अधिकारी – प्रदीप कुमार, धर्मेंद्र कुमार धर्मकांत(JE) और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर उमेश राय हैं।