खुशखबरी! कोविड-19 की वैक्सीन तैयार करने के बेहद करीब….WHO ने दिया इशारा

राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना संकट काल में हर कोई बेसब्री से कोविड-19 की वैक्सीन बनने का इंतजार कर रहा है। हर कोई इस आस में है, कब इसका ऐलान होगा कि आ गया है कोरोना को हराने वाला ब्रह्मास्त्र। इस इंतजार के बीच एक सुखद खबर सामने आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बड़ी राहत देते हुए बताया कि आठ टीमें कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। यानी जल्द ही खतरनाक कोरोना वायरस को हराने वाली वैक्सीन हमारे बीच होगी।

डब्ल्यूएचओ के निदेशक जनरल टेडरॉस एडनॉम ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की इकॉनोमिक एंड सोशल कांउसिल को इसकी जुड़ी जानकारी दी है। जिसमे उन्होंने बताया कि कोरोना की वैक्सीन बनाने के लिए तेजी से काम हो रहा है और ये वैक्सीन अनुमानित वक्त से पहले ही तैयार कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इसपर कुल सात से आठ टीमें ऐसा काम कर रही हैं, जो वैक्सीन बनाने के बेहद करीब हैं। जल्द ही दुनिया को अच्छी खबर मिल सकती है।

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100 टीमें कर रही हैं काम

टेडरॉस के मुताबिक, वैक्सीन बनाने के लिए कई देशों ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। वैक्सीन के ट्रायल पर करीब 100 अलग-अलग टीमें काम कर रही है। इनमें से 8 टीमें ऐसी हैं, जो रिजल्ट के बेहद करीब हैं। हमने दो महीने पहले ये अनुमान लगाया था कि वैक्सीन को तैयार होने में 12 से 18 महीने का समय लग सकता है, लेकिन इन टीमों के काम को देखते हुए लग रहा है कि ये अनुमानित समय से पहले ही विकसित हो जाएगी। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि शोध और अनुसंधान के लिए करीब आठ बिलियन डॉलर जुटाए हैं।

फंड के लिये 40 देशों से अपील

वैक्सीन विकसित हो जाने के बाद बड़ी तादाद में इसके उत्पादन की भी जरूरत पड़ेगी, इसके लिए ये राशि कम है। टेडरॉस ने बताया कि उन्होंने बीते दिनों 40 देशों से इसे लेकर अपील भी की। उन्होंने कहा कि आठ बिलियन डॉलर की रकम बेहद कम हैं, हमें कुछ और मदद की जरूरत है। अगर ये मदद नहीं मिलती है, तो वैक्सीन बनाने में देरी होती रहेगी। टेडरॉस ने बताया कि फिलहाल इस वक्त हम उनपर ध्यान दे रहे हैं, जो नतीजों के बेहद करीब हैं। हालांकि, इनमें नाम जाहिर करने से उन्होंने इनकार कर दिया है।

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ह्युमन ट्रॉयल भी

टेडरॉस एडनॉम ने बताया कि हम जनवरी से ही दुनियाभर के हजारों शोधकर्ताओं के साथ काम कर रहे हैं। ज्यादातर वैक्सीन का इस्तेमाल जानवरों पर ही हो रहा है। हालांकि, कुछ ह्यूमन ट्रायल भी शुरू किए गए हैं। इस पूरे काम-काज पर करीब 400 वैज्ञानिकों का एक दल नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा कि ये वायरस बेहद खतरनाक है और बिना वैक्सीन के हम इस जंग में कमजोर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना ने हम सबको सिखाया है कि हर देश को मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की कितनी ज्यादा जरूरत है।

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