इस बीमारी के मरीजों के लिए काल है कोरोना, WHO ने किया बड़ा खुलासा

नई दिल्ली, राजसत्ता एक्सप्रेस। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर के लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं। ये अदृश्य दुश्मन अब तक 44 लाख से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बना चुका है। यहीं नहीं, दुनियाभर में ये वायरस करीब 3 लाख लोगों को मौत की नींद भी सुला चुका है। इस जानलेवा वायरस से कब तक निजात मिलेगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है। कोरोना को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे होते रहते हैं। इस वायरस को लेकर अब जो नई जानकारी सामने आई है वो एड्स मरीजों के लिए ठीक नहीं है।

दरअसल, एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के कारण 5 लाख एड्स मरीजों की जान जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएनएड्स (UNAIDS) की ओर से मॉडलिंग स्ट्डी के अनुसार, अफ्रीका के सब-सहारा इलाके में अगले 6 महीनों में 5 लाख ज्यादा एड्स मरीजों की जान जा सकती है। अगर ऐसा हुआ तो एक साल में एड्स मरीजों की मौत के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ देगी। साल 2008 में एड्स मरीजों की सबसे ज्यादा मौत हुई थी।

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क्या है कारण?
स्टडी में बताया गया कि 2018 में सब-सहारा अफ्रीका में एड्स के 2.57 करोड़ पीड़ित थे। इनमें से 64 फीसदी मरीज एंटीरेट्रोवायरस (ARV) थैरेपी के सहारे जिंदा है। कोरोना वायरस के कारण यहां स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है। यहां तक कि HIV क्लीनिक्स पर ARV की सप्लाई नहीं हो पा रही है। हालत ये है कि एड्स के मरीजों को दवा तक नहीं मिल पा रही है। बतादें कि ARV थैरेपी के कारण 2010 से लेकर अभी अफ्रीकी बच्चों में HIV संक्रमण की दर में 43 फीसदी की कमी आई है। अगर इन मरीजों को दवा के साथ-साथ थैरेपी समय पर नहीं मिली तो अगले 6 महीनों में मोजाम्बिक 37 फीसदी मरीज बढ़ जाएंगे। वहीं, मलावी और जिम्बॉब्वे में 78-78 फीसदी और यूगांडा में 104 फीसदी बच्चों में HIV संक्रमण पाए जाने की आशंका है।

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WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधनॉम घेब्रेसस ने स्टडी में हुए खुलासे पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि अगर अफ्रीका में एड्स से संबंधित बीमारियों की वजह से 5 लाख लोगों की मौत होती है तो यह हमें वापस इतिहास में धकेल देगा। उन्होंने दुनियाभर की कंपनियों और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों से अफ्रीकी लोगों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका में एड्स से संबंधित टेस्टिंग किट्स और दवाओं की मात्रा बढ़ानी होंगी।

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