मासूम बच्चों को कौन बचाएगा गुलदार के पंजों से

बागेश्वर: जनपद में गुलदार के हमले में हो रही मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले सात माह में गुलदार ने जिले भर में पांच मासूमों को मौत के घाट उतार दिया है. आए दिन गुलदार के हमले से हो रही मौतों ने लोगों की नींद उड़ा दी है. वहीं, वन विभाग भी खुद को बेबस पा रहा है.

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एक आदमखोर गुलदार को मारे करीब डेढ़ महिना भी नहीं हुआ कि एक और मामला सामने आ गया है. गुलदार ग्रामीण क्षेत्रों के बाद अब शहरी क्षेत्र से भी घात लगाकर हमले कर रहा है. बागेश्वर जिले में आदमखोर गुलदार का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. गुलदार ने 23 मार्च 2018 को गरुड़ तहसील के हरिनगरी गांव में 5 साल के दीपक राम को अपना निवाला बना लिया था. 12 जून को इसी गांव में घर के आंगन में खेल रहे दीवान राम के 7 साल के बच्चे दीपक को भी गुलदार उठा ले गया था. इसी माह 3सितंबर को एक बार फिर गुलदार ने गरुड़ तहसील के शैलखनारी गांव में 4 वर्ष की बच्ची को मौत के घाट उतार दिया.

इसके बाद भी वन विभाग ने सीख नहीं ली. जिसका खामियाजा 19 सितंबर को नदीगांव की छह वर्षीय शर्मिला को भुगतना पड़ा. गुलदार ने घात लगाकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. जिला अस्पताल में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद बीते मंगलवार को दयागंड गांव से मासूम छात्र को गुलदार उठा ले गया. इस मामले में प्रमुख वन संरक्षक भी वन विभाग को गुलदार को पकडऩे के आदेश दे चुके हैं. लेकिन गुलदार को पकडऩे और चिह्नित करने में विभाग का सुस्त रवैये आड़े आ रहा है. बागेश्वर के शहरी क्षेत्र के साथ साथ गरुड़ और कांडा ब्लाक में पिछले दो-तीन सालों से गुलदार का आतंक बढ़ गया है. गुलदार आये दिन किसी ना किसी घर से मवेशियों को अपना निवाला बना रहा है. गुलदार का आतंक ग्रामीण क्षेत्रों में इस कदर छाया हुआ है कि लोग अब सूरज ढलते ही बाहर निकलने से डरने लगे हैं. ग्रामीणों ने गुलदार को आदमखोर घोषित करने की मांग की है.

लम्बे समय से विभाग से गुहार लगा रहे थे लोग

गुलदार की दहशत में जी रहे लोग लम्बे समय से इससे मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर विभाग पर दबाव बना रहे थे. कई बार विभाग से पिंजरा लगाने की मांग भी लोगों ने की थी, लेकिन विभाग इस तरफ से मुंह मोड़े रहा. मंगलवार को मासूम बच्चे को आंगन से उठा ले जाने के बाद गुलदार गदेरे में छोड़ गया. अस्पताल में बच्चे की मौत से लोग स्तब्ध नजर आए.

अब तक की घटनाएं 

06 नवंबर: दयागंड गांव के निवासी सुरेंद्र सिंह कठायत का सात साल का बेटा करन आंगन में खेल रहा था. घात लगाए गुलदार ने हमला कर दिया.
19 सितंबर: बागेश्वर के नदीगांव में देर शाम करीब 7:45बजे घर के आंगन में खेल रही धन बहादुर की पुत्री शर्मिला को गुलदार उठा ले गया.
3 सितंबर: गरुड़ तहसील के शैलखनारी गांव में चतुर सिंह परिहार देर शाम करीब साढे सात बजे आंगन में खेल रही थी जब गुलदार बच्ची को उठा ले गया.
12 जून: गरुड़ तहसील हरिनगरी गांव में दीवान राम का छोटा पुत्र दीपक (7 वर्ष) भी शाम को आंगन में खेलते वक्त गुलदार का शिकार बना.
23 मार्च: गरुड़ तहसील अंतर्गत हरिनगरी गाँव करन पुत्र दीपक राम उम्र 5 वर्ष भी गुलदार का शिकार बना.

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