ईद का त्योहार साल में रमज़ान के महीने के बाद आता है और इस दिन का तमाम मुसलमान बड़ी बेसब्री से इंतजार करते हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि ईद का त्योहार रमज़ान के बाद ही क्यों मनाया जाता है और इसका मतलब क्या है। अगर आपको नहीं पता, तो आइए जानते हैं।
दरअसल, मुस्लिम ग्रंथों के अनुसार ईद का त्योहार खुशी और जीत में मनाया जाता है क्योंकि कहा जाता है कि बद्र के युद्ध में जब पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को सफलता मिली थी, तब लोगों ने पहली बार खुशी में ईद-उल-फित्र मनाया था। तब से लेकर हर मुस्लिम इस त्योहार को मनाते हैं और एक-दूसरे से गले मिलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और दूसरों को खिलाते हैं।
ईद मुस्लिम लोगों को पूरे महीने रोज़े रखने के बाद अल्लाह की तरफ से एक बख्शीश यानि तोहफा है, जिसे ईद-उल-फित्र के नाम से पुकारा जाता है। इसलिए हर साल रमज़ान के बाद ईद का त्योहार मनाया जाता है ताकि लोग रमज़ान जाने के गम को भूल सकें।
जानकारी के लिए बता दें ईद एक अरबी शब्द है जिसका मतलब होता है खुशी यानि वह खुशी का दिन जो बार-बार आए। इसके अलावा, ईद को मोहब्बत का त्योहार भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन सभी मुस्लिम लोग आपस में गले मिलते हैं और अपनी सारी नाराजगी दूर करते हैं।