हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी के दिन रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाते हैं. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने राधारानी के साथ होली खेली थी.
मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवता भी होली खेलते हैं. इसका कारण इस दिन आसमान में गुलाल उड़ाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. हर साल यह त्योहार काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. राधारानी के बरसाने में इस दिन विशेष पूजा होती है. इसके साथ ही माना जाता है ति इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला की थी और दूसरे दिन रंग खेला गया था.
रंगपंचमी की शुरुआत 29 मार्च 2024 की रात्रि 08:20 मिनट से शुरू हो गयी है. इस तिथि का समापन 30 मार्च को 09:13 पर होगा. इस दिन एक दूसरे को अबीर-गुलाल लगाएं. इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी को भी अबीर और गुलाल अर्पित करें. रंगपंचमी के दिन गंगाजल में पानी मिलाकर स्नान करें. इसके बाद सभी भगवानों का जल से अभिषेक करें. भगवान श्रीकृष्ण का पंचामृत और जल से अभिषेक करें. सभी देवी-देवताओं को चंदन धूप, फूल और फल अर्पित करें. इसके बाद सभी को गुलाल लगाएं. मंदिर में घी का दीपक जलाएं व भगवान को भोग आदि अर्पित करके क्षमा याचना करें.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रंग पंचमी का पर्व देवी-देवताओं को समर्पित होता हा. इस दिन एक-दूसरे को रंग लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन देवी-देवता धरती पर राधा-कृष्ण के साथ होली खेलने आते हैं. इस कारण रंगपंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.