फिरोज गांधी को लेकर क्यों छिड़ा है संग्राम, किस रीति से हुआ था अंतिम संस्कार!
कभी राहुल गांधी के गोत्र तो कभी उनके धर्म पर सवाल उठाने वाली बीजेपी ने इस बार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी को लेकर बयान दिया है. जिस पर संग्राम छिड़ गया है.
कब्र पर मोमबत्ती जलानी चाहिए
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यंत्री दिनेश शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इलाहाबाद (प्रयागराज) में कुंभ मेले में शामिल होने का न्यौता देते हुए कहा कि राहुल को इसमें जरूर शामिल होना चाहिए और अपने दादा की कब्र पर मोमबत्ती जलानी चाहिए, क्योंकि वह कभी वहां नहीं गए हैं. इससे उनके दादा की आत्मा को शांति मिलेगी. उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, जो कुंभ में जाते हैं उन्हें परंपराओं का पालन करना पड़ता है. मेले में पुजारी आपसे पूजा और अन्य संस्कार कराएंगे. उसके बाद आपको अपना जनेऊ उतारना होगा और अपने पुरखों की याद में दान देना होगा. शर्मा ने राहुल को यह सब कुछ करने की सलाह दी.
राहुल ने खुद को बताया था कश्मीरी ब्राह्मण
पिछले साल 26 नवंबर को राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पुष्कर पुहंचे राहुल ने वहां के प्रसिद्ध मंदिर में पूजा कि थी. उस दौरान पूजारी को कांग्रेस अध्यक्ष ने खुद को दत्तात्रेय गौत्र वाला कश्मीरी ब्राह्मण बताया था. इस बात पर विवाद पैदा हो गया था, क्योंकि उनके दादा फिरोज गांधी पारसी समुदाय से थे.
हिंदू रीति रिवाज से हुआ था अंतिम संस्कार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभय अवस्थी राजसत्ता एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि भाजपा के नेता जरा गुगल वुगल भी देखा करें. उन्होंने बताया कि “ फिरोज गांधी का फ्यूनरल दिल्ली के निगम बोध घाट पर सनातनी विधि से लाखों लोगों की उपस्थिति में हुआ था. 16 वर्षीय राजीव गांधी ने मुखाग्नी दी थी. साथ में इंदिरा गांधी, संजय गांधी और फिरोज गांधी की बहन तहमीना भी मौजूद थी.”
अनाप-सनाप बोल रहे बीजेपी नेता
इलाहाबाद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभय अवस्थी यहीं नहीं रुके उन्होंने भाजपा के नेताओं पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा के नेता पूरे विश्व से झूठ बोल रहे हैं. राहुल गांधी को इलाहबाद आने की जरूरत नहीं है सबसे पहले भाजपा के लोग शब्दों की शुद्धि के लिए इलाबाद जाकर शब्दों की शुद्धि करें. अभय अवस्थी ने उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता दिनेश शर्मा के बयान पर बोलते हुए कहा कि दिनेश शर्मा लखनऊ में तीन मजार डाक गए हैं, इसलिए ये अनाप-सनाप बोल रहे हैं. इनको फिरोज गांधी की मजार दिख रही है. मजार तो हमने दिखा दी है. बीजेपी की सत्ता मजार में चली गयी है तीन राज्यों में.
संगम में प्रवाहित की गई अस्थियां
मशहूर लेखक बर्टिल फ़ॉक अपनी किताब ‘फिरोज- फॉरगॉटेन गांधी’ में लिखते हैं, जब ‘फिरोज के शव के सामने पारसी रीति से ‘गेह-सारनू’ पढ़ा गया तो कमरे से इंदिरा गांधी और उनके दोनों बेटों के अलावा सब को हटा दिया गया था. फिरोज के शव के मुंह पर एक कपड़े का टुकड़ा रख कर ‘अहनावेति’ का पहला अध्याय पढ़ा गया.’ दो दिन बाद फिरोज गांधी के अस्थि कलश को ट्रेन से इलाहाबाद ले जाया गया था, जहां उसका एक भाग संगम में प्रवाहित कर दिया गया और बचे हुए भाग को इलाहाबाद की पारसी कब्रगाह में दफना दिया गया.