दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री चुन लिया। उनके सामने कई बड़े और कद्दावर नेता थे, फिर भी बीजेपी ने रेखा गुप्ता पर भरोसा क्यों किया? क्या उनके चुनाव में कुछ खास कारण थे जो उन्हें बाकी नेताओं से अलग बनाते हैं? चलिए जानते हैं, रेखा गुप्ता के सीएम बनने के पीछे के खास कारणों को।
1. महिला फैक्टर: दिल्ली में महिला वोटर्स का खास असर
दिल्ली में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत हमेशा पुरुषों से थोड़ा ज्यादा होता है। इस बार के विधानसभा चुनाव में भी महिलाओं ने 60.92% वोटिंग की, जबकि पुरुषों का प्रतिशत 60.21% था। यह आंकड़ा यह साबित करता है कि महिलाओं का वोटिंग टर्नआउट महत्वपूर्ण है, और खासकर बीजेपी जैसी पार्टी को यह पता है कि महिलाओं को अपने पक्ष में करना कितना महत्वपूर्ण है।
बीजेपी ने पिछले कुछ सालों में महिला वोटर्स को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। जैसे, फ्री यात्रा और राशन वितरण योजनाएं, जो महिलाओं के लिए बनाई गई थीं। इस बार भी बीजेपी ने महिलाओं के लिए कुछ विशेष घोषणाएं की थीं। रेखा गुप्ता का सीएम बनना शायद इसी महिला फैक्टर का हिस्सा है, ताकि पार्टी लंबे समय तक महिला वोटर्स का समर्थन हासिल कर सके।
2. विवादों से दूर, एक साफ छवि
दिल्ली बीजेपी के कुछ बड़े नेताओं जैसे रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कई विवाद उठे। बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी की सीएम उम्मीदवार आतिशी के बारे में आपत्तिजनक बयान दिए थे, जबकि प्रवेश वर्मा ने कई बार विवादित बयान दिए, जो पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते थे।
इसके विपरीत, रेखा गुप्ता की छवि बिल्कुल साफ-सुथरी रही है। बहुत कम लोग उन्हें जानते थे, लेकिन एक नया चेहरा होने के कारण उनके बारे में कोई विवाद नहीं था। बीजेपी शायद एक ऐसा चेहरा चाहती थी जो बिना किसी विवाद के सामने आए और दिल्ली में एक नई तरह की राजनीति की शुरुआत हो सके।
3. जातिगत फैक्टर: वैश्य और बिजनेसमैन समुदाय को साधने की कोशिश
दिल्ली में वैश्य समुदाय और बिजनेसमैन की संख्या काफी बड़ी है। बीजेपी ने रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के पीछे यह रणनीति अपनाई है कि वे इस समुदाय को अपनी ओर आकर्षित कर सकें। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी कई बार अपने आप को बनिया बताते हुए कहते रहे हैं कि वे जानते हैं पैसे की व्यवस्था कैसे करनी है।
अब बीजेपी रेखा गुप्ता को सीएम बना कर इस समुदाय को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। खासकर यह समुदाय बीजेपी के लिए एक मजबूत वोट बैंक हो सकता है। इस तरह बीजेपी ने महिला वोटर्स के साथ-साथ वैश्य समुदाय को भी ध्यान में रखते हुए रेखा गुप्ता को सीएम बनाने का फैसला लिया।
4. RSS का असर और नए चेहरों को मौका
बीजेपी में हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि पार्टी लगातार नए चेहरों को मौका देती है, और इनमें कई लोग आरएसएस से जुड़े हुए होते हैं। उदाहरण के तौर पर, महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस, हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर, और राजस्थान में भजनलाल को सीएम बनाया गया, जबकि इनसे पहले के बड़े नेताओं को दरकिनार किया गया।
रेखा गुप्ता का नाम भी उसी पैटर्न में आता है। वे लंबे समय से आरएसएस से जुड़ी रही हैं और विवादों से दूर रही हैं। बीजेपी ने उन्हें दिल्ली में एक नया चेहरा देने का मौका दिया है, जिससे पार्टी को नए उत्साह के साथ राजनीति करने का मौका मिलेगा।
5. बीजेपी के अंदर रेखा गुप्ता का बढ़ता प्रभाव
शालीमार बाग सीट पर रेखा गुप्ता की जीत भी एक बड़ा फैक्टर हो सकती है। जहां उन्होंने आम आदमी पार्टी की बंदना कुमारी को हराया, वहां उनका प्रभाव दिखा। रेखा गुप्ता ने इस सीट को जीतकर यह साबित किया कि वह न सिर्फ एक सशक्त नेता हैं, बल्कि एक नई आवाज भी हैं जो दिल्ली की राजनीति में अहम भूमिका निभा सकती हैं।