लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में यूपी की भी 10 सीटें हैं। इन सीटों पर सपा ने 3 उम्मीदवार जया बच्चन, रामजीलाल सुमन और आलोक रंजन को उतारा है। इन्हीं नामों को लेकर अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में विरोध की खबरें पहले आई थीं। अब न्यूज चैनल एबीपी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि समाजवादी पार्टी में विधायक काफी नाराज हैं और 13 विधायक अखिलेश का साथ छोड़ सकते हैं। सूत्रों के हवाले से न्यूज चैनल ने बताया है कि नाराज होकर समाजवादी पार्टी छोड़ने वाले विधायकों में से 10 के बीजेपी खेमे में जाने की संभावना है। जबकि, 3 विधायकों को कांग्रेस अपने साथ जोड़ सकती है। राज्यसभा चुनाव के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होनी है। अगर इससे पहले समाजवादी से विधायक अलग हुए, तो अखिलेश यादव को बड़ा झटका लग सकता है।
BREAKING | यूपी की सियासत से बहुत बड़ी खबर, BJP में जाएंगे SP के 10 MLA: सूत्र@awdheshkmishra | @VeereshpandeyGhttps://t.co/smwhXUROiK#SamajwadiParty #BJP #Congress #AkhileshYadav #UttarPradesh #BreakingNews pic.twitter.com/GbnCHD9sYN
— ABP News (@ABPNews) February 17, 2024
एबीपी न्यूज के मुताबिक समाजवादी पार्टी के इंद्रजीत सरोज समेत 6 विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। बीजेपी के पक्ष में ये विधायक राज्यसभा चुनाव में वोटिंग भी कर सकते हैं। वहीं, न्यूज चैनल ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि अमिताभ वाजपेयी समेत 3 विधायक कांग्रेस के खेमे में जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि सभी समाजवादी पार्टी विधायक लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी और कांग्रेस में जाने की राह पर हैं। अखिलेश यादव के सामने पहले ही गठबंधन में सहयोगी अपना दल कमेरावादी ने मुश्किल खड़ी कर रखी है। अपना दल कमेरावादी की विधायक पल्लवी पटेल ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में जिनको उतारा है, वो पीडीए के मुताबिक नहीं है। पल्लवी पटेल ने इस मामले में साफ एलान किया है कि वो सपा के उम्मीदवारों को वोट नहीं देंगी।
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी ने 8 और सपा ने 3 उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि, राज्य से राज्यसभा के लिए खाली हो रही सीटों की संख्या 10 ही है। ऐसे में बीजेपी ने अगर समाजवादी पार्टी के विधायकों को अपने पक्ष में कर लिया, तो इससे वो अखिलेश यादव की पार्टी के एक उम्मीदवार को हराने की स्थिति में भी पहुंच सकती है। अगर बीजेपी ने अपना 8वां प्रत्याशी जिता लिया और सपा के विधायक टूटकर दूसरी पार्टियों में गए, तो लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव को बड़ा झटका तो लगेगा ही। साथ ही कांग्रेस से सीटों के बंटवारे को लेकर भी मसला और गहरा सकता है।