भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी.वाई. चंद्रचूड़ अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में हैं, और उनकी सेवानिवृत्ति 10 नवंबर को होने जा रही है। ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों का निपटारा करना उनके लिए चुनौती बन गया है।
सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामलों की सूची
सीजेआई चंद्रचूड़ के अंतिम दिनों में जिन प्रमुख मामलों पर सुनवाई होनी है, उनमें शामिल हैं:
- एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा
फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की पीठ ने यह फैसला सुरक्षित रखा था कि क्या अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अपना अल्पसंख्यक दर्जा बनाए रखने का अधिकार है या नहीं। इस फैसले का असर भारत भर में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर पड़ सकता है। - भर्ती नियमों में बदलाव
एक अन्य महत्वपूर्ण मामला राजस्थान उच्च न्यायालय से जुड़ा है, जिसमें पांच न्यायाधीशों की पीठ को यह निर्णय लेना है कि क्या भर्ती प्रक्रिया शुरू होने के बाद भर्ती नियमों में बदलाव किया जा सकता है। यह मामला 2013 की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित है, जो बाद में विवादों में आ गई थी। - असम के NRC की वैधता
सुप्रीम कोर्ट नागरिकता अधिनियम 1955 की धारा 6A को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी फैसला सुनाएगा। यह फैसला असम में कुछ निश्चित तिथियों से पहले प्रवेश करने वाले विदेशियों की नागरिकता की स्थिति को स्पष्ट करेगा। - औद्योगिक शराब का विनियमन
नौ न्यायाधीशों की पीठ यह तय करेगी कि औद्योगिक शराब का विनियमन राज्य सरकार के पास होना चाहिए या केंद्र सरकार के पास। यह निर्णय अप्रैल 2024 से सुरक्षित रखा गया है और दोनों स्तरों की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व प्रवाह को प्रभावित कर सकता है। - सरकार का संपत्ति पुनर्वितरण का अधिकार
नौ न्यायाधीशों की पीठ एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेगी, जिसमें सरकार की निजी संपत्ति को अधिग्रहित करने और पुनर्वितरित करने की क्षमता का विश्लेषण होगा। यह मामला संविधान के अनुच्छेद 39(बी) और 31(सी) से संबंधित है। - BYJUS मुकदमे का परिणाम
सुप्रीम कोर्ट BYJUS के विदेशी निवेशकों द्वारा कंपनी के खिलाफ दिवालियापन कार्यवाही को खारिज करने को चुनौती देने वाली याचिका पर भी निर्णय सुनाएगा। यह निर्णय भारत में कॉर्पोरेट प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण होगा। - डॉक्टरों की सुरक्षा पर राष्ट्रीय टास्क फोर्स
हाल ही में कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में हुई एक दुखद घटना के बाद, सीजेआई चंद्रचूड़ ने पूरे भारत में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के संबंध में राष्ट्रीय टास्क फोर्स की सिफारिशों की समीक्षा करने का निर्णय लिया है।
इन महत्वपूर्ण मामलों पर जल्द ही सुनवाई होने वाली है, और सीजेआई चंद्रचूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट ने इन मुद्दों को सुलझाने की दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प लिया है। उनके कार्यकाल का ये अंतिम चरण न केवल न्यायपालिका के लिए, बल्कि देश के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।