नई दिल्ली। बीते दिन 30 सितंबर को पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा उपचुनाव (Bengal By Polls) के रिजल्ट आज सामने आएंगे। बंगाल के साथ ही पूरे देश की नजर भवानीपुर सीट पर हुए उपचुनाव के रिजल्ट पर टिकी हुई है। इसी सीट से पश्चिम बंगाल की CM और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (Bengal CM Mamata Banerjee) उम्मीदवार हैं। चुनाव के नतीजे ही ये तय करेंगे की ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनी रहेंगी या फिर उन्हें कुर्सी छोड़ना पड़ेगा। ममता बनर्जी के विरुद्ध BJP ने अपने युवा चेहरे वकली प्रियंका टिबरेवाल (Priyanka Tibrewal BJP) को प्रत्याशी बनाया है। आज मतगड़ना हो रही है जिसके लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
बंगाल के भवानीपुर विधानसभा सीट को ममता बनर्जी का गढ़ मानी जाती है। वो 2 बार यहां से विधायक रह चुकी हैं। भवानीपुर सीट ममता बनर्जी की पारंपरिक सीट है। वो लगातार यहां से चुनाव लड़ती रही है। ममता बनर्जी ने नंदीग्राम सीट पर भाग्य आजमाई थी परन्तु उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, भवानीपुर सीट पर 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदाता बंगाली नहीं है जिनमें से भी अधिकतर गुजराती मूल के हैं। ऐसे में अगर गुजराती मूल के लोग ममता बनर्जी को अपना प्रतिनिधि मानने से पीछे हटते हैं। तो इसका सीधा असर मत पर पड़ेगा। इससे बनर्जी की कठिनाइयाँ बढ़ सकती है।
पश्चिम बंगाल: भवानीपुर, जंगीपुर और समसेरगंज विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव की मतगणना शुरू हो गई है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 3, 2021
भवानीपुर से मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी और भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल मैदान में हैं।
(फाइल तस्वीर) pic.twitter.com/J7zL3XZREQ
भारतीय संविधान के अनुसार , कोई भी व्यक्ति सरकार गठन के दौरान सीधे मुख्यमंत्री या मंत्री पद की शपथ तो ले सकता है, लेकिन शपथ लेने के 6 महीने के भीतर उसे विधान परिषद या विधानसभा में से किसी एक का सदस्य बनना आवश्यक है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार , एक मंत्री जो लगातार 6 माह के समय के लिए प्रदेश के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति के बाद वो मंत्री पद पर नहीं बना रह सकता। ऐसे में ममता बनर्जी के लिए भवानीपुर का उपचुनाव जीतना बेहद महत्वपूर्ण है। अब देखना होगा कि क्या ममता बनर्जी अपनी कुर्सी को बचा पाती हैं या नहीं।