नई दिल्ली: पाकिस्तान के एफ-16 विमान को निशाना बनाने के बाद विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का मिग-21 बुधवार को क्रैश हो गया. जिससे वो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जा गिरे. पिछले 24 घंटों से अभिनंदन पाक की हिरासत में हैं. पूरा देश उनके भारत सकुशल लौटने की संभावना कर रहा है. पाकिस्तानी मीडिया में भी उनको लेकर खबर छपी है जिसमें एक प्रत्यक्षदर्शी की तरफ से देखी गई घटना का उल्लेख किया गया है. दावा किया जा रहा है कि अभिनंदन ने पीओके में स्थित होरान गांव के लोगों के चंगुल से बचने के लिए हवा में फायिरंग की थी.
बता दें, पैराशूट से उतरकर जैसे ही अभिनंदन पाकिस्तान की धरती पर उतरे वहां उन्होंने मौजूद लोगों से पूछा कि ये इलाका भारत का है या पाकिस्तान का? जब उन्हें पता चला कि वह पाकिस्तान में है तब उन्होंने वहां मौजूद भीड़ को हटाने के लिए हवा में फायरिंग की. करीब आधा किमी तक भागने के बाद अभिनंदन तालाब में कूद गए और अपने पास मौजूद दस्तावेज को नष्ट कर दिया.
बताया जा रहा है कि जो अहम दस्तावेज उनके पास थे, उनमें से कुछ उन्होंने चबा लिये और बहुत सारे कागज पानी में गला दिये. द डॉन ने खबर दी है कि एलओसी से सात किमी दूर स्थित भिंबर जिले के होरान गांव में रहने वाले मोहम्मद रज्जाक चौधरी ने अभिनंदन को सबसे पहले देखा. उसका कहना है कि बुधवार सुबह 8.45 बजे आसमान में धमाके के साथ धुआं नजर आया. रज्जाक का कहना है कि दो विमानों में आग लगी थी. एक विमान एलओसी के पार भारतीय सीमा में गिरा जबकि दूसरा पीओके में गिरा.
विमान उनके घर के पूर्वी हिस्से में गिरता नजर आ रहा था. तभी रज्जाक को घर के दक्षिणी इलाके में लगभग एक किमी दूर एक पैराशूट नजर आया. एक व्यक्ति सही सलामत पैराशूट से लैंड कर रहा था. रज्जाक ने फौरन गांव के युवाओं को बुलाया. लोगों की भीड़ को देखकर अभिनंदन ने देशभक्ति के नारे लगाते हुए पूछा कि यह भारत है कि पाक? एक युवा ने चालाकी दिखाते हुए जवाब दिया कि ये भारत की जमीन है.
इस जवाब से अभिनंदन कुछ शांत हुए लेकिन जल्द ही अभिनंदन के जयघोष ने कुछ युवाओं को नाराज कर दिया. जवाब में वहां मौजूद लोगों ने पाक सेना जिंदाबाज के नारे लगाये. विंग कमांडर ने खतरा भांपा और पिस्तौल से हवाई फायरिंग की और उन्होंने दस्तावेज एक तालाब में नष्ट कर दिए. दस्तावेज नष्ट करने के बाद वे तालाब से निकले तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें निशाना बनाया लेकिन इस बीच पाक सेना के जवान गांव में पहुंच गये. सेना अभिनंदन को युवाओं के चंगुल से छुड़ाकर अपने साथ ले गयी.