गाजीपुर। गाजीपुर लोकसभा चुनाव अंतिम चरण में है। अखिलेश यादव द्वारा गाजीपुर में चुनावी रैली करने से इंकार करने के बाद चुनावी हलचल तेज हो गयी। अखिलेश की घोषणा के बाद से ही कई सपा नेताओं ने गठबंधन के उम्मीदवार अफजाल अंसारी के कार्यक्रम में न जाने का फैसला कर लिया है। इससे अफजाल खेमे में हलचल मच गयी है। अभी दो दिन पूर्व एक टीवी चैनल पर सपा अध्यक्ष के द्वारा गाजीपुर में कोई रैली न किये जाने की घोषणा की खबर चल रही थी। इसके बाद से ही सपा नेताओं में सरगर्मी बढ़ गयी।
नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में न जाने की घोषणा कर दी, जिसके बाद सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव ने इनपर दबाव बनाना शुरू कर दिया। इससे परेशान होकर नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने अपना इस्तीफा सपा जिलाध्यक्ष को सौंप दिया। साथ ही सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव पर 10 लाख लेकर चुनाव प्रचार करने का आरोप भी लगाया है। हालांकि जिलाध्यक्ष ने ऐसे आरोप काे निराधार बताया है। वहीं जब इस्तीफे को लेकर सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव से मीडिया वालों ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि इस्तीफ़े के सम्बंध में अभी कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।
गौरतलब हो कि गाजीपुर में सपा-बसपा गठबंधन से बसपा ने अफजाल अंसारी को टिकट दिया है। इसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजीपुर में चुनावी रैली करने से इनकार कर दिया। अखिलेश यादव के इनकार करने को लेकर नगर अध्यक्ष दिनेश यादव ने भी नगर क्षेत्र के दो कार्यक्रमों को भंग कर दिया और पार्टी की सभी चुनावी कार्यक्रम में न जाने की घोषणा कर दी। दिनेश यादव ने मीडिया से कहा कि जब हमारे नेता अखिलेश यादव चुनाव प्रचार करने गाजीपुर नहीं आएंगे तो हम किसी भी चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेंगे। दिनेश यादव की इस बात की सूचना पर गाजीपुर सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव ने इनपर चुनाव प्रचार के लिए बेवजह दबाव बनाना शुरू कर दिया, जिसके बाद दिनेश यादव ने अपना इस्तीफा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव को सौंप दिया।
दिनेश के इस्तीफा सौंपने से गाजीपुर की समाजवादी इकाई में हड़कंप मचा हुआ है। दिनेश यादव ने नगर क्षेत्र के दो कार्यक्रमों को भंग कर दिया और सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव पर 10 लाख लेकर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगाया है। वहीं जब इस्तीफे के बाबत सपा जिलाध्यक्ष नन्हकू यादव ने कहा कि इस्तीफे के सम्बंध में अभी कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है।