खमरिया/ईसानगर-खीरी। धौरहरा लोकसभा क्षेत्र का गांव गनेशपुर जहां के किसी भी छोटे बड़े चुनाव में महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं है। इस बार प्रशासन 70 सालों से चली आ रही इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश कर रहा है।
महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं
धौरहरा लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के ईसानगर ब्लॉक में गनेशपुर गांव है। जहां करीब करीब 4500 की जनसंख्या पर करीब 3400 मतदाता हैं। इनमें महिलाओं की संख्या आधी है। चुनाव चाहे पंचायत का हो फिर लोकसभा या विधानसभा का। यहां मतदान पर पुरुष इकलौता अधिकार जताते रहे। महिलाओं को सरकारी लाभ तो चाहिए लेकिन इन्हें बूथ तक जाने की इजाजत नहीं दी गई।
महिला है प्रधान, लेकिन वोट नहीं दिया
साल 2000 में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव में गनेशपुर की प्रधानी की सीट महिला आरक्षित हो गई। इस बार आधी सदी पुरानी परम्परा टूटने की आस बंधी थी। पर चुनाव वाले दिन चुनाव लड़ रही सभी महिला प्रत्याशी बूथ के आसपास नहीं दिखीं। यहां तक कि ग्राम प्रधान चुनी गईं सुलोचना देवी खुद भी अपना वोट डालने नहीं आईं। यह मिथक अब शायद टूटे। पिछले चुनाव में प्रशासन ने पूरी ताकत लगा दी और मात्र इन 15 महिलाओं के वोट डलवा पाया, जो सरकारी सेवा में हैं।