गजब: ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मांगा 5 हजार लीटर जहर

ऑस्ट्रेलिया ने भारत से मांगा 5 हजार लीटर जहर, जानिए क्यों?

नई दिल्ली:  ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों चूहों ने आतंक मचा रखा है। ये चूहे ना केवल कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि अब घरों में भी घुसकर कई प्रकार के सामान को नष्ट कर रहे है। ऑस्ट्रेलिया में सभी लोग चूहों से काफी परेशानी है। वहां के किसान इन चूहों से बेहद परेशान हैं। चूहे उनकी सारी फसल खराब कर रहे हैं। चूहों के प्रकोप से निपटने के लिए सरकार कई प्रकार के उपाय खोजने में लगी हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इन चूहों को मारने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने भारत से 5 हजार लीटर जहर की मांगा है। अगर चूहों का यह आतंक जारी रहा तो ग्रामीण और क्षेत्रीय न्यू साउथ वेल्स में आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ सकता है।

चूहों के आतंक पर चिंता जताते हुए कृषि मंत्री एडम मार्शल ने कहा है कि अगर वसंत तक इन चूहों की संख्या को कम नहीं कर सके तो हमारे में सामने कई प्रकार की परेशानियों खड़ी होगी। चूहों की बढ़ती ताताद ग्रामीण और क्षेत्रीय न्यू साउथ वेल्स में एक पूर्ण आर्थिक और सामाजिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। उनका कना है कि चूहों का कहर केवल कृषि भूमि तक ही सीमित नहीं है। बल्कि ये अब घरों को भी काफी नुकसान पहुंचा रहे है।

पिछले दिनों चूहों के बिजली के तार चबाने के कारण एक परिवार के घर में आग लग गई थी। ब्रूस बार्न्स नामक एक व्यक्ति ने कहा कि वह मध्य न्यू साउथ वेल्स शहर बोगन गेट के पास अपने परिवार के खेत में फसल लगाकर एक तरह से जुआ खेल रहे हैं। उनका कहना है कि हम पूरी मेहतर से सफल को तैयार कर रहे है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चूहों के कारण उनकी फसल खराब होने का डर है। अगर ऐसा होता है तो उनकी पूरी मेहनत बेकार चली जाएगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार, चूहे हर जगह हैं। वे घरों, खलिहान, वाहनों, फर्नीचर, छत, स्कूलों और यहां तक कि अस्पतालों में पाए गए हैं। चूहों ने राज्य के कई कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। सबसे ज्यादा लोगों ने बदबू की शिकायत की है। पीड़ित क्षेत्र में लगातार चूहों के मूत्र और सड़ने वाले चूहों के शवों की गंध आती है। इससे कई लोग बीमार पड़ चुके है।

राज्य सरकार ने इन चूहों से निपटने के लिए भारत से प्रतिबंधित जहर ब्रोमैडिओलोन के 5,000 लीटर (1320 गैलन) की मांग की है। संघीय सरकार के नियामक ने अभी तक कृषि भूमि पर जहर का उपयोग करने के लिए आपातकालीन आवेदनों को मंजूरी नहीं दी है।

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