अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच साधु संतों और गणमान्य लोगों को निमंत्रण बंटने शुरू हो गए हैं। यहां 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त में पूरी भव्यता के साथ रामलला के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसकी जोर शोर से तैयारियां चल रही हैं।
इन तैयारियों के बीच अयोध्या में तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए साधु संतों समेत गणमान्य लोगों को निमंत्रण भेजना शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा “हमने राम मंदिर का निर्णायक आंदोलन किया है। प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निमंत्रण बंटना खुशी की बात है। लेकिन हमारे पास अभी निमंत्रण नहीं आया है। मुझे बुलाया जाएगा या नहीं, इसके बारे में पता नहीं है।”
तपस्वी छावनी के जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बताया “रामलला के मंदिर के लिए हम लोगों ने निर्णायक आंदोलन किया। अब साधु संतों को निमंत्रण मिलने शुरू हो गए हैं। यह बहुत खुशी की बात है। मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर हमने विश्व का सबसे बड़ा दीपक बनाने का टेंडर दिया है। इसकी लागत करीब 7.50 करोड़ रुपये है। इसका नाम महाराज दशरथ दीपक होगा। ये अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दस दिन पहले से जलेगा। हमारे पास अभी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने का निमंत्रण नहीं आया है।”
वहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियों के बीच बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने अपनी इच्छा बताई है। उन्होंने कहा “अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। इस दौरान यहां देश-विदेश से श्रद्धालु दर्शन करने भी आ रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो रहे हैं। इन सभी लोगों की भगवान श्रीराम से आस्था जुड़ी है।”
उन्होंने कहा “हमारी भी आस्था है कि अयोध्या का विकास हो। यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। लोग भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा में हाजिरी लगाकर शांति की प्रार्थना करें। अगर हमको भी निमंत्रण मिलेगा तो हम रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में खुशी से हिस्सा लेंगे। हमारे लिए हिंदू मुस्लिम सिख इसाई भाई ही हैं। मेरा किसी से कोई विरोध नहीं है।”