बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो महिला पहलवानों से मांगे ऑडियो-वीडियो सबूत

बृजभूषण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने दो महिला पहलवानों से मांगे ऑडियो-वीडियो सबूत

भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ और पहलवानों के समर्थन में दो गवाही दिया जा चुका है। सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण के जो आरोप लगाए हैं उसको लेकर नया अपडेट आया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने दो महिला पहलवानों से ऑडियो वीडियो और फोटो सबूत उपलब्ध कराने के लिए कहा है। जिससे उनके आरोपों को सबूत के रूप में पेश किया जा सके। इसी रिपोर्ट में पुलिस ने उनसे गले लगाने वाले फोटो भी सबूत के तौर पर पेश करने के लिए भी कहा है। लगाये गए यौन उत्पीड़न के मामले में सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस गहन जांच कर रही है।

मिली जानकारी के मुताबिक 5 जून को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत महिला पहलवानों को अलग-अलग नोटिस जारी किए थे और उन्हें जवाब देने के लिए एक दिन का समय दिया गया था। इसके साथ ही इस रिपोर्ट में एक पहलवान का हवाला देते हुए ये भी दावा किया गया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ उनके पास जो भी सबूत थे वो उपबल्ध हो चुके हैं।

इसके अलावा पुलिस ने एक पहलवान और उसके रिश्तेदार को भी अलग-अलग नोटिस जारी करके बृजभूषण सिंह के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे फोन कॉल के बारे में भी डिटेल मांगा है। खासतौर पर उस रिश्तेदार को धमकी भरे कॉल से संबंधित कोई भी वीडियो, फोटोग्राफ, कॉल रिकॉर्डिंग या व्हाट्सएप चैट अगर हो तो उसे देने का अनुरोध किया गया था। साथ ही पहलवानों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि 15 जून तक अगर सिंह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं होती है तो वो अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।

पहले इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह अब फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक ने भी दावा कर दिया है कि रेसलर्स के आरोप 100 फीसदी सही हैं। उनको सताया जाता था, शारीरिक शोषण होता था। काफी समय से रेसलिंग से जुड़े रहे फिजियोथेरेपिस्ट परमजीत मलिक का यह दावा सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

मलिक ने आगे कहा कि लगभग 100 रेसलर्स का मानसिक और शारीरिक शोषण हुआ है। यह लंबे समय से चल रहा था। दिल्ली-लखनऊ की कोठी पर वो महिला पहलवानों महिला पहलवानों को बुलाते थे और जो रेसलर वहां जाने से मना करती थी, उसे बिना कोई जायज कारण बताए, मैच खेलने से रोक दिया जाता था। इसीलिए इस गंभीर मामले पर पहले किसी ने आवाज नहीं उठाई।

जबकि पहली गवाही में रेफरी जगबीर ने टीम के ग्रुप फोटो का हवाला देते हुए बताया कि दिल्ली पुलिस ने उनसे इस बारे डिटेल में पूछा था। तब जगबीर ने बताया की- मैंने उसे यानी फेडरेशन चीफ बृजभूषण को महिला रेसलर के बगल में खड़े देखा था। उसने खुद को उसके गिरफ्त से छुड़ाया,उसे धक्का दिया, कुछ बुदबुदाई और फिर दूर चली गई। वह अध्‍यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गई।

मैंने देखा कि यह महिला पहलवान रिएक्‍ट कर रही थी और बहुत ज्यादा असहज थी। उसके साथ जरुर कुछ गलत हुआ। मैंने उसे कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे। वह महिला रेसलर को छूकर कहता था- इधर आ जा। इधर आकर खड़ी हो जाओ। उस महिला पहलवान के व्यवहार से साफ़ झलक रहा था कि उस दिन फोटो सेशन के दौरान कुछ गलत हुआ था।

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