कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कई महिला पहलवानों ने मानसिक और शारीरक शोषण का आरोप लगाया है। इसको लेकर भारतीय पहलवानों ने कई महीनों तक देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन किया था। इस दौरान 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन पहलवानों ने यात्रा निकाली थी। जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
पुलिस ने सभी को हिरासत में लेते हुए सख्त कार्रवाई करते हुए प्रदर्शन स्थल से पहलवानों के तंबू हटा दिए थे। साथ ही उनपर कई गंभीर धाराओं के तहत केस भी दर्ज कई था। अब दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ दायर सभी मामले वापस लेने जा रही है। दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस इस मामले में एक-दो दिन में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर देगी। इसके बाद इसको बंद कर दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, पुलिस पहलवानों के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को रद्द करने की सिफारिश करते हुए दो दिनों के भीतर एक रिपोर्ट पेश करेगी। पुलिस के अनुसार, धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक को सार्वजनिक कार्यो के निर्वहन में बाधा डालना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है। 332 (स्वेच्छा से लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए चोट पहुंचाना), 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल), 147 (दंगा करना) और 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी) पहलवानों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 दर्ज की गई थी।
नए संसद भवन के उद्घाटन के समय जंतर मंतर पर आंदोलन कर रहे पहलवान नए संसद भवन के पास महिला महापंचायत करने जा रहे थे। पुलिस ने जब इन पहलवानों को रोका तो यह बैरिकेड कूदकर संसद भवन की ओर जाने लगे। इसके बाद पहलवानों और पुलिस कर्मियों के बीच खीचा तानी भी हुई थी। उस दिन जंतर मंतर पर 109 लोगों सहित दिल्लीभर में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया था। इसमें आठ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए थे। दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सभी पहलवानों समेत 12 लोगों के खिलाफ संसद मार्ग थाने में मामला दर्ज किया था।