उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र को अब एक नया जिला घोषित किया है। इस नए जिले को “महाकुंभ मेला जिला” नाम दिया गया है, और यहां अब अलग से प्रशासनिक प्रक्रियाएं अपनाई जाएंगी। इसका मतलब है कि मेला क्षेत्र में डीएम, पुलिस कप्तान, थाने और चौकियां बनाए जाएंगे, ताकि प्रशासनिक कामकाज और सुरक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से हो सके।
यह पहला मौका नहीं है जब यूपी सरकार ने कुंभ और अर्ध कुंभ के दौरान नए जिले की अधिसूचना जारी की है। इसके पहले भी खास आयोजनों के लिए यह कदम उठाया गया था। इस बार भी महाकुंभ मेला क्षेत्र को नया जिला बनाने की अधिसूचना जारी की गई है।
महाकुंभ मेला के लिए योगी सरकार का बजट
महाकुंभ मेला के आयोजन के लिए योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 में 2500 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। यह बजट कुंभ मेले के आयोजन के लिए पिछले वर्ष के बजट (621.55 करोड़ रुपये) से कहीं ज्यादा है।
नए जिले के अधिकारी
महाकुंभ मेला जिले के कलेक्टर मेलाधिकारी विजय किरन आनंद होंगे, और एसएसपी के रूप में राजेश द्विवेदी की नियुक्ति की जा चुकी है। महाकुंभ मेला जिले में परेड क्षेत्र, और चार तहसीलें – सदर, सोरांव, फूलपुर और करछना के 67 गांव शामिल हैं।
महाकुंभ मेला कब होगा?
महाकुंभ मेला हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इस बार यह मेला 13 जनवरी 2025 से शुरू होगा और 26 फरवरी 2025 तक चलेगा। इसके अलावा, अर्ध कुंभ मेला हर 6 साल में और कुंभ मेला हर तीन साल में आयोजित होते हैं। हर साल प्रयागराज में माघ मेला आयोजित किया जाता है।
महाकुंभ मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि प्रशासनिक और आर्थिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। योगी सरकार के इस कदम से मेला क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था की उम्मीद जताई जा रही है।