लखनऊ: कानून व्यवस्था का दमखम भरने वाली योगी सरकार (Yogi Government ) ने अब अपनी एक बड़ी योजना को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। जी हां, खबर कुछ ऐसी है कि यूपी पुलिस (UP Police) महकमे में असमर्थ और बोझ बनकर बैठे पुलिसवालो को सरकार ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति (Compulsory Retirement ) देना शुरू कर दिया है। ताजा अपडेट के मुताबिक डीजीपी मुख्यालय ने सभी जोन के एडीजी, पुलिस कप्तानों और पुलिस कमिश्नर को इस बाबत रिमाइंडर भी भेजा दिया है। दरअसल 5 सितंबर को जारी निर्देश के तहत जिलों से 50 साल से ज्यादा उम्र के अक्षम पुलिसकर्मियों की लिस्ट सौंपने को कहा गया था लेकिन अब तक डीजीपी मुख्यालय को लिस्ट नहीं सौंपी गई है। लिहाजा मुख्यालय ने 50 साल से ज्यादा उम्र के अक्षम पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग कर 25 अक्टूबर तक सूची सौंपने का निर्देश दिया है।
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पहले 31 जुलाई की थी डेडलाइन
गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले खबर आई थी कि यूपी सरकार 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है। वहीं समीक्षा के आधार पर अपेक्षित प्रदर्शन नहीं करने वाले कर्मचारियों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति होगी। मुख्य सचिव आरके तिवारी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक सभी विभागों के अपर मुख्य सचिवों और सचिवों से 50 वर्ष की आयु पार कर चुके स्टाफ के कामकाज की समीक्षा करने को कहा गया है। ऐसे कर्मचारियों की 31 जुलाई तक सूची तैयार करने को भी कहा गया था। लेकिन लिस्ट नहीं मिलने पर अब इस तारीख को बढ़ाकर 25 अक्टूबर कर दिया गया है। यानी अब दो दिन से भी कम समय में ये लिस्ट तैयार कर भेजनी होगी।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ऐसे 30 अफसरों को चिह्नित कर लिया गया है, जिन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इसमें 17 समीक्षा अधिकारी, आठ अनुभाग अधिकारी, तीन अनुसचिव और दो उपसचिव शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इन सबके खिलाफ पहले के समय में हुई जांचों, कार्रवाई और उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। ताकि उन्हें सेवा से हटाने के पर्याप्त आधार मौजूद रहें। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने भी 15 वरिष्ठ आईटी अधिकारियों को ‘जबरन सेवानिवृत्त’किया था।