लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चिकित्सा-स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूती देने में जुटी योगी सरकार रोज नए आयाम लिख रही है। प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाएं देने के प्रतिबद्ध योगी सरकार ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज’ की नीति पर तेजी से कार्य कर रही है। प्रदेश के नौ जनपदों में नौ नए मेडिकल कॉलेजों का तोहफा योगी सरकार प्रदेशवासियों को देने जा रही है। यूपी के इतिहास में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में नए मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को सिद्धार्थनगर से इन नए मेडिकल कॉलेजों का शुभारंभ एक साथ करेंगे। इन नौ नए मेडिकल कॉलेजों में नए मेडिकल कॉलेज देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रशासन को सभी जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नौ जनपदों में नवस्थापित मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया जाना प्रस्तावित है।
यह राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर होगा कि जब एक साथ नौ ज़िलों में मेडिकल कॉलेजों का संचालन प्रारंभ हो रहा है। ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज’ की नीति पर तेजी से कार्य करने वाली योगी सरकार ने महज चार सालों में प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को नए आयामों पर पहुंचाया है। प्रदेश में तेजी से 59 जनपदों में न्यूनतम एक मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हो रहे हैं। बाकी 16 जनपदों के लिए पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य में 2017 के पहले मात्र 12 मेडिकल कॉलेज ही हुआ करते थे। योगी सरकार के सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़कर 48 हो चुकी है। प्रदेश में 13 और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम तेज गति से किया जा रहा है। सरकार नए मेडिकल कॉलेजों में 70 प्रतिशत फैकल्टी का चयन भी कर चुकी है। इस माह जुलाई में प्रदेश में 09 नए मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद प्रदेश की जनता को चिकित्सा सुविधाएं मिलना और अधिक सुविधाजनक हो जाएगा। पहले जहां प्रदेश में ऑक्सीजन प्लांट, बेडस, एंबुलेंस, वेंटिलेटर, मेडिकल कॉलेजों की संख्या न्यूनतम स्तर पर थी वहीं योगी सरकार ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करते हुए प्रदेश में कम समय में चिकित्सीय सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया। जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश सरकार सभी 75 जिलों में कम से कम एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के संकल्प के साथ युद्धस्तर पर काम कर रही है।
मीरजापुर में मेडिकल कॉलेज का नामकरण ‘मां विंध्यवासिनी’ के नाम पर होगा। गाजीपुर में नवस्थापित मेडिकल कॉलेज “महर्षि विश्वामित्र” के नाम से जाना जाएगा। देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थ नगर और जौनपुर जनपदों में स्थापित हो रहे मेडिकल कॉलेजों का नामकरण भी इसी प्रकार किया जाएगा।
अब तक पूरे प्रदेश में 171 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। प्रदेश में 15 अगस्त तक लगभग 541 ऑक्सीजन प्लांट को क्रियाशील करने का लक्ष्य राज्य सरकार ने निर्धारित किया है। इन सभी ऑक्सीजन प्लांट के सक्रिय होने के साथ ही यूपी देश के दूसरे राज्यों की अपेक्षा सर्वाधिक ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने वाला राज्य यूपी होगा। इन ऑक्सीजन प्लांट के संचालन से भविष्य में भी प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं होगी। बता दें कि ऑक्सीजन जनरेटर के जरिए 15 प्रतिशत ऑक्सीजन की 3300 बेड पर आपूर्ति हो रही है। मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू पीकू और नियोनेटल आईसीयू नीकू का कार्य पूरा किया जा रहा है। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड बढ़ाने संग जिला और सीएचसी असपतालों को इसी तर्ज पर सुविधायुक्त किया जा रहा है।