योगी सरकार का ऐलान- शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए वैक्सीनेशन जरूरी

लखनऊ: देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) की तीसरी लहर का खतरा बढ़ता जा रहा है. कोरोना के नए केसों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली है. एक दिन में कोरोना के 47,092 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 509 लोगों ने कोविड से दम तोड़ दिया है. इस बीच कई राज्यों में स्कूल-कॉलेज भी खुल गए हैं. उत्तर प्रदेश में स्कूल खुलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि यूपी के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए टीकाकरण अनिवार्य है. बेसिक शिक्षा निदेशक ने सभी बीएसए को निर्देश जारी कर दिया है.

योगी सरकार के आदेशानुसार, स्कूल खुलने के साथ ही शिक्षकों और परिजनों का टीकाकरण जरूरी है. शिक्षकों के साथ कर्मचारियों और उनके परिवारों को भी टीकाकरण कराना होगा. अशासकीय सहायता प्राप्त, मान्यता प्राप्त, परिषदीय, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को टीकाकरण कराना होगा. शिक्षकों और कर्मचारियों को भी शत प्रतिशत का वैक्सीनेशन अनिवार्य है. कोरोना की रोकथाम के लिए विशेष टीकाकरण अभियान होगा.

आपको बता गें कि उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालय लगभग छह महीने के अंतराल के बाद बुधवार को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए फिर से खुले. भीड़ से बचने के लिए स्कूलों ने दो पालियों में बच्चों का टॉफी, चॉकलेट और फूलों से स्वागत किया. स्कूल में बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही.

यूपी के स्कूल 9वीं से 12वीं कक्षा की पढ़ाई के लिए 16 अगस्त से और कक्षा छह से आठवीं तक के स्कूल भी 23 अगस्त से पढ़ाई के लिए खोल दिए गए हैं. मदरसों में भी बुधवार से कोविड-19 दिशा निर्देशों के साथ कक्षाएं शुरू हो गईं. सभी स्कूलों में स्कूल के गेट पर बच्चों की थर्मल स्कैनिंग की गई और उन्हें मास्क पहनने को कहा गया. कक्षाओं में सैनिटाइजर भी रखा गया है.

इससे पहले मार्च में, स्कूल कुछ दिनों के लिए खुले थे लेकिन कोविड के मामलों में वृद्धि के कारण फिर से बंद कर दिए गए थे. प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों का शिक्षण कार्य दो पालियों में होगा. पहली पाली सुबह 8 बजे से 11 बजे तक चलेगी जबकि दूसरी पाली सुबह 11.30 बजे से शुरू होगी. सरकारी स्कूलों में बच्चों को अपने बर्तन और पानी की बोतल खुद लाने को कहा गया है.

राज्य सरकार द्वारा स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लेने के बाद भी, माता-पिता अभी भी मामलों में वृद्धि के बाद और तीसरी संभावित कोविड -19 लहर के डर से बच्चों को भेजने को लेकर आशंकित हैं. राज्य के कुछ जिलों में जानलेवा बुखार के बढ़ते खौफ ने अभिभावकों की चिंता और बढ़ा दी है.



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