उतर प्रदेश की योगी सरकार ने सवर्ण जातियों के गरीबों को बड़ा तोहफा दिया है। लम्बे समय से यह बहस चली आ रही है कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण का आधार आर्थिक होना चाहिए, मतलब गरीब चाहें किसी की जाति का हो उसको आरक्षण मिलना चाहिए। योगी सरकार ने इस दिशा में कदम उठा लिया है, जातिगत आरक्षण तो संविधान के मुताबिक़ जारी रहेगा मगर अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिये होने वाली भारतियों में ऊंची जाति के गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण कोटा मिलेगा। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में उत्तर प्रदेश लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण) विधेयक 2020 पारित कर दिया गया है । इससे आयोग की ओर से की जाने वाली भर्तियों में भी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा।
देखें वीडियो- सवर्ण गरीबों को योगी सरकार को तोहफा
विधानसभा में गुरुवार को तीन विधेयक पारित किए गए। इसमें राज्य संपत्ति विभाग के नियंत्रणाधीन भवनों का आवंटन (संशोधन) विधेयक 2020 के अलावा के अलावा उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक 2020 भी एक अहम् कदम है, जिसके तहत टैक्स छूट का दायरा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया है। टैक्स छूट सीमा दोगुनी किए जाने से व्यापारी वर्ग को योगी सरकार ने बड़ी राहत दे दी है, विधानसभा में चर्चा के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने सदन को बताया कि कम्पोजिट स्कीम में हर तीन महीने में रिटर्न भरने की बाध्यता समाप्त की जा रही है। अब केवल साल में एक बार रिटर्न भरना होगा और तिमाही पर टैक्स जमा करना होगा।