कोरोना महामारी के बाद से क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले मेट्रो सिटी से लेकर छोटे शहरों में लगातार बढ़ रहे हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल युवा काफी कर रहे हैं। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए है। आपको बता दें कि Credit Card से बड़े ट्रांजैक्शन यानी बड़ी खरीदारी जांच के दायरे में आता है। इनकम टैक्स विभाग क्रेडिट कार्ड से होने वाले बड़े ट्रांजैक्शन पर नरज रखता है। अगर उसे कुछ शक होता है तो वह क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति को नोटिस भेजकर जवाब मांगता है।
क्रेडिट कार्ड से उच्च-मूल्य लेनदेन क्या है?
उच्च-मूल्य लेनदेन उन वित्तीय लेन-देन को कहते हैं जो विनियामक प्राधिकरणों द्वारा निर्धारित एक निश्चित सीमा का उल्लंघन करते हैं। आयकर विभाग इन लेन-देन पर कड़ी नजर रखता है क्योंकि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के लिए इनका इस्तेमाल होने की संभावना होती है। रिजर्व बैंक भी ऐसे लेन-देन को नियंत्रित करने वाले दिशा-निर्देशों के पालन की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर देता है।
क्रेडिट कार्ड से अधिकतम कितनी राशि खर्च कर सकते हैं?
क्रेडिट कार्ड से खर्च करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं, लेकिन बैंकों को आयकर विभाग को उच्च मूल्य के लेन-देन की रिपोर्ट करना आवश्यक है। वित्तीय संस्थानों को फॉर्म 61A का उपयोग करके 10 लाख रुपये से अधिक के किसी भी लेन-देन की रिपोर्ट करना आवश्यक है। इसलिए कोशिश करें कि एक फाइनेंशियल ईयर में क्रेडिट कार्ड से 10 लाख रुपये से अधिक की खरीदारी न करें। साथ ही बहुत बड़ी खरीदारीया ट्रांजैक्शन से बचें। अगर ऐसा करेंगे तो परेशानी से बचे रहेंगे।
इसके अतिरिक्त, आयकर विभाग को व्यक्तियों को फॉर्म 26AS में उच्च मूल्य के क्रेडिट कार्ड लेनदेन की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है। याद रखें, आपको अपनी खर्च सीमा से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए, क्योंकि आयकर विभाग सभी क्रेडिट कार्ड लेन-देन की निगरानी कर रहा है। आपके क्रेडिट कार्ड का विवरण आपके पैन कार्ड से जुड़ा हुआ है, और आपके सभी खर्चों को सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से ट्रैक किया जाता है। आयकर नियमों के अनुसार, आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उच्च-मूल्य वाले लेन-देन की सूचना देनी चाहिए।