अर्थशास्त्री स्टीव हांके ने अपनी सालाना Hanke’s Annual Misery Index (HAMI) लिस्ट पेश की। इस लिस्ट में उन्होंने अलग-अलग देशों को वहाँ मौजूद दुःख के आधार पर रैंक किया। दुःखी देशों की इस लिस्ट में ज़िम्बाब्वे ने टॉप किया। इस लिस्ट के अनुसार ज़िम्बाब्वे दुनिया का सबसे दुःखी देश है।
ज़िम्बाब्वे के दुनिया का सबसे ज़्यादा दुःखी देश होने के कई कारण हैं। जैसे बढ़ती महंगाई, बेजोज्गारी की ऊँची दर, उधार की ऊँची दर, जीडीपी की ग्रोथ का कम होना आदि। इसके अलावा ज़िम्बाब्वे में जुर्म भी काफी ज़्यादा है, जो कई अफ़्रीकी देशों की बड़ी समस्या है।
दुनिया के सबसे दुःखी देशों की लिस्ट में भारत का 157 देशों में 103वां स्थान है। भारत में दुःख की बड़ी वजह बेरोजगारी की समस्या है। इस लिस्ट में नंबर जितना ज़्यादा होगा, दुःख उतना ही कम होगा। नंबर जितना कम होगा, दुःख उतना ही ज़्यादा होगा।157 देशों की इस लिस्ट में किस देश को 157वीं रैंक मिली, मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है।
स्विट्ज़रलैंड को इस लिस्ट में 157वीं रैंक मिली, जिसका मतलब है स्विट्ज़रलैंड दुनिया का सबसे कम दुःखी देश है। फिनलैंड को दुनिया का सबसे खुश देश माना जाता है। पर अगर दुःखी देशों की लिस्ट में फिनलैंड की रैंक पर गौर किया जाए, तो फिनलैंड को इसमें 109वां स्थान मिला है। फिनलैंड में भी दुःख की बड़ी वजह बेरोजगारी की समस्या है।