कोरोना के खिलाफ जंग को मैनकाइंड फार्मा ने दी मजबूती, दो साल में दान किए 270 करोड़ रुपये

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते बीते दो साल भारत समेत पूरी दुनिया पर प्रलय के समान रहे हैं. इन दो सालों में लोगों ने मानव इतिहास का सबसे बड़ा संकट देखा. कोरोना के कहर के चलते कितने लोग बेहद कम उम्र में समय से पहले ही इस दुनिया को अलविदा कह गए. संकट की इस घड़ी में जब चारों तरफ हाहाकार मचा था तब कुछ लोग थे जो बिना किसी स्वार्थ के लोगों की सेवा और इलाज कर रहे थे. यह थे हमारे फ्रंट लाइन वॉरियर्स, जिन्होंने बिना जान की परवाह किए कोरोना से जंग लड़ी.

इसके साथ ही कुछ ऐसे भी लोग थे जो पर्दे के पीछे से इंसानियत की मदद कर रहे थे, इन्हीं में से एक नाम है मैन काइंड फार्मा का. अपने नाम को सार्थक करते हुए मैन काइंड फार्मा ने हर संभव तरीके से कोरोना काल में मदद की. मैन काइंड फार्मा की मदद के चलते हमारे फ्रंट लाइन वॉरियर्स की लड़ाई को और भी ज्यादा मजबूती मिली.

साल 2020-21 की बात करें तो कोरोना की पहली लहर के दौरान मैन काइंड फार्मा ने 130 करोड़ रुपये इस महामारी से जंग के लिए अलग अलग जगहों पर डोनेट किए. इसमें 51 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए. देश की अलग अलग राज्य सरकारों को पीपीई किट और दवाएं दान कीं. इसके साथ ही जरूरतमंदों लोगों को राशन देकर उनकी मदद की. पहली लाइन में खड़े होकर कोरोना से लोहा ले रहे योद्धाओं के हौसले को भी मैनकाइंड फार्मा ने झुकने नहीं दिया.

कोरोना काल में शहीद 296 पुलिस परिवारों को लगभग 10 करोड़ और 200 शहीद डॉक्टरों के परिवारों के लिए 10 करोड़ का दान दिया. पिछले साल असम और बिहार में कोरोना के साथ साथ बाढ़ भी आफत बनकर आयी थी. इससे निपटने के लिए भी मैनकाइंड फार्मा ने हाथ बढ़ाया और असम सरकार और बिहार सरकार को बाढ़ राहत कोष में एक-एक करोड़ का दान दिया.

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब देश में हाहाकार मचा और उम्मीद टूटने लगी थी तब भी मैनकाइंड फार्मा के मदद के लिए उठे हाथ नहीं रुके. इस साल मैनकाइंड फार्मा अब तक कोरोना से जंग के खिलाफ 140 करोड़ रुपये दान चुका है. इसमें शहीद डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों, नर्सों, फार्मासिस्टों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारों के लिए 100 करोड़ का फंड दिया. दूसरी लहर के दौरान सबसे ज्यादा किसी चीज के लिए मारामारी थी वो तो थी ऑक्सीजन.

रुपये दिए. दिल्ली-एनसीआर में जब कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे, तब मैनकाइंड फार्मा ने गुरुग्राम में बेड फेसिलिटी स्थापित की. कोरोना से देश के सबसे प्रभावित राज्य की बात करें तो वो महाराष्ट्र है. जहां पहली और दूसरी लहर कहर बनकर टूटी. मैनकाइंड फार्मा ने इस संकट की घड़ी में महाराष्ट्र की मदद करने के लिए राज्य सरकार के फंड में एक करोड़ रुपये जमा करवाए.

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