देश में गर्मी बढ़ने से ठंडक के लिए ऊर्जा खपत में भारी बढ़ोतरी की आशंका है। इसे देखते हुए सरकार गर्मी से राहत (थर्मल कंफर्ट) देने वाले घर बनाना अनिवार्य कर सकती है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने ‘कूलिंग एक्शन प्लान’ में इसकी सिफारिश की है।
अभी ऊर्जा दक्षता वाले भवनों की संकल्पना व्यावसायिक और सरकारी भवनों तक सीमित है। लेकिन अब इसे आवासीय भवनों के लिए अनिवार्य करने को कहा गया है। खासकर, आर्थिक रूप से कमजोर तबके, निम्न आय वर्ग और किफायती आवास योजना के तहत बनने वाले घरों को इस श्रेणी में शामिल करना होगा। इसके लिए कानून में संशोधन का सुझाव भी दिया गया है।
मंत्रालय के अनुसार, विश्व में ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में अभी ठंडे क्षेत्र की हिस्सेदारी करीब 10% है। लेकिन अगले 20 सालों में आठ गुना बढ़ोतरी की आशंका जताई गई है। भारत में ऊर्जा खपत दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति 69 किलोवाट है जो विश्व औसत 272 किलोवाट से काफी कम है। अमेरिका में यह 1878 किलोवाट प्रति व्यक्ति है।
ऐसे होंगे ठण्डे मकान
फ्लाई ऐश की ईंट जैसी सामग्री इस्तेमाल होगी ताकि धूप का असर कम हो और कमरों में तापमान कम हो। मकान के डिजाइन में वेंटिलेशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा ताकि मकान प्राकृतिक रूप से ठंडे रहें।