देखिए, 16 दिसंबर के निर्भया गैंगरेप की असली ‘छाया’!

16 दिसंबर,  2012 को  दिल्ली की बस में युवती से गैंगरेप की घटना आज भी किसी ने भूली नहीं है. 23 साल की फिजियोथेरेपी स्टूडेंट उस रात दोस्त के साथ घर लौट रही थी, जब यह वारदात हुई.

पूरे देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप पर पुलिस जांच, सहयोग और कार्रवाई आधारित ‘दिल्ली क्राइम’ नाम से सात एपिसोड की ड्रामा सीरीज बनायी गयी है, जिसे नेटफ्लिक्स पर 22 मार्च को रिलीज किया गया है. हालांकि कई लोग यह कहते हुए इसका विरोध भी कर रहे है कि इस घटना पर सीरीज बनाने की क्या जरूरत थी?

कहानी बिल्‍कुल साफ है

‘दिल्ली क्राइम’ की अभिनेत्री शेफाली शाह कहती हैं कि निर्भया गैंग रेप की कहानी बिल्कुल साफ है. बकौल शेफाली, “मेरे लिए निर्भया गैंगरेप एक दर्द और यंत्रणा से बढ़कर उस रोशनी का बुझ जाना है। लेकिन जब स्क्रिप्ट पढ़ी, तो एक ऐसी महिला की कहानी उभरी, जिसने न्याय की राह दिखाई और केवल निर्भया ही नहीं, बल्कि सभी महिलाओं के लिए यह लड़ाई लड़ी. वो महिला थीं दक्षिणी दिल्ली की तत्कालीन डीसीपी छाया शर्मा.

डीसीपी छाया शर्मा (फाइल फोटो )

डायरेक्टर रिची मेहता कहते हैं कि डीसीपी छाया ही वह महिला थीं, जिन्होंने इस केस को अंजाम तक पंहुचाया. उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और सही एक्शन के बिना अपराधियों को पकड़ पाना बहुत मुश्किल हो जाता.

संवेदनशीलता लिंग के आधार पर नहीं

छाया शर्मा के मन में वो घटना आज भी हुबहू दर्ज है. छाया बताती हैं, “अगर इस घटना को पुरुष डीसीपी देखता, तो क्या करता और क्या होता, इस बारे में कुछ नहीं कहूँगी. इस मानसिक संवेदनशीलता को लिंग के आधार पर नहीं तय किया जा सकता. इस केस में लोगों का मुझ पर विश्वास था और शायद इसकी वजह मेरा महिला होना था. इस घटना को देखकर मुझे अपने अंदर अजीब महसूस होने लगा था, जिससे मैं बहुत ज्यादा व्यग्र हो गयी थी. रेप की भयावहता की वजह से उसके हालात काफी बिगड़ गए थे और डॉक्टर ने उस बारे में जो बताया, उसे सुनकर तो रूह काँप जाती थी.

दिल्ली क्राइम में अभिनेत्री शेफाली शाह, वर्तिका चतुर्वेदी के नाम से छाया शर्मा का किरदार निभा रही हैं. छाया ने शेफाली से कहा कि वैसे तो व्यवसाय एवं शख्सियत में दूरी होनी चाहिए, लेकिन इस केस में पूरे देश के मन में एक ही भावना थी. अगर हम किसी की बेटी को बचा नहीं सकते, तो हम अपनी बेटी की रक्षा भी नहीं कर सकते. छाया कहती हैं, “मैंने इसे उदासीनता से नहीं, पूरी सहानुभूति के साथ सम्भाला. यह घटना इतनी खौफनाक थी कि सोचना भी मुश्किल था कि कोई इंसान ऐसा कर सकता है. मैंने जैसा महसूस किया, वैसे ही काम किया.

Credit: bbc.com/hindi

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