लोकसभा चुनाव: तीसरे चरण में होगा यादव परिवार की किस्मत का फैसला

यादव परिवार

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में उत्तर प्रदेश में उन क्षेत्रों में मतदान होगा जिन्हें कद्दावर यादव नेता मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ माना जाता है। इस चरण में होने वाले मतदान में यादव परिवार की किस्मत का फैसला होगा। लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में उत्तर प्रदेश में 16 सीटों पर मतदान हुआ जिनमें से महज तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन तीसरे चरण में 23 अप्रैल को 10 सीटों पर मतदान होगा जिनमें से नौ सीटों पर सपा प्रत्याशी मैदान में हैं।

इस चरण में सपा-बसपा (बहुजन समाज पार्टी)-रालोद (राष्ट्रीय लोकदल) गठबंधन जातिगत समीकरणों को लेकर ज्यादा मजबूत दिख रहा है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को इन सीटों पर मुश्किलात का सामना करना पड़ रहा है।इस चरण में सपा के गढ़ बदायूं, संभल, मैनपुरी, फिरोजाबाद और रामपुर के साथ-साथ आंवला, बरेली, पीलीभीत, एटा और मुरादाबाद में मतदान होगा। सपा के लिए सबसे सुरक्षित सीट मैनपुरी है जहां से पार्टी के कुलपिता मुलायम सिंह यादव प्रत्याशी हैं। दो दिन पहले मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती से ढाई दशक पुरानी शत्रुता को दफन करते हुए उनके साथ मंच साझा किया था।

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मैनपुरी के परिणाम को लेकर कोई अनुमान नहीं है क्योंकि मुलायम सिंह यादव यहां सबसे कद्दावर और लोकप्रिय नेता हैं। वह 2014 में मैनपुरी और आजमगढ़ दोनों जगहों से निर्वाचित हुए थे, लेकिन बाद में उन्होंने आजमगढ़ को ही चुना। बदायूं में सपा के उम्मीदवार धर्मेद्र यादव हैं जिनको कांग्रेस प्रत्याशी सलीम इकबाल शेरवाणी से सीधी टक्कर मिल रही है। इस चुनाव क्षेत्र में चार लाख मुस्लिम और नौ लाख ओबीसी मतदाता हैं जिससे सपा का पलड़ा भारी हो सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संघमित्रा मौर्या इस बीच एक वीडियो टेप को लेकर विवादों में घिर गई हैं। वायरल हो रहे टेप में उनको अपने समर्थकों को फर्जी वोट करने को कहते हुए दिखाया गया है। फिरोजाबाद में शिवपाल यादव और उनके भतीजे अक्षय यादव आमने-सामने हैं और यह यादव नेताओं के बीच असली लड़ाई है। शिवपाल यादव को संगठन के जमीनी स्तर से परिचित होने का लाभ मिल रहा है।

सपा को संभल सीट पर जीत हासिल करने की उम्मीद है जहां पार्टी ने फिर शफीकुर रहमान बार्क को चुनावी मैदान में उतारा है जो पिछले लोकसभा चुनाव 2014 में महज 5,000 वोट से हारे थे। रामपुर में भाजपा उम्मीदवार जयाप्रदा और सपा के आजम खान के बीच मुकाबला है। पीलीभीत में भाजपा सांसद वरुण गांधी को सपा के हेमराज वर्मा चुनौती दे रहे हैं तो मोरादाबाद में भाजपा प्रत्याशी सर्वेश सिंह को युवा कवि इमरान प्रतागढ़ी चुनौती दे रहे हैं। भाजपा इन दोनों संसदीय क्षेत्रों में अपनी मजबूत स्थिति देख रही है।

बरेली में भाजपा के कद्दावर नेता संतोष गंगवार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं और उनको कांगेस के प्रवीण एरन चुनौती दे रहे हैं। राजस्थान के राज्यपाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह एटा में दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं और उनके खिलाफ सपा ने देवेंद्र यादव को उतारा है।

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