सामान्य वर्ग का आरक्षण संसद से हुआ पास, राष्ट्रपति की मुहर का इंतजार
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई. वहीं अब इस पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर का इंतजार है. लगभग 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान (124वां संशोधन) 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी.
कुछ ऐसा रही राज्यसभा में चर्चा
राज्यसभा में आरक्षण बिल पर बोलते हुए बीजेपी सांसद प्रभात झा ने कहा कि राहुलजी को सुबह-शाम राफेल राफेल करते हैं, अगर हिम्मत है तो इस विधेयक पर बोलने आएं. आनंद शर्मा ने प्रभात झा के बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राहुल गांधी इस सदन के सदस्य नहीं हैं और उनके बारे में दिए गए बयान को सदन की कार्यवाही से निकाला जाए. इस पर उपसभापति ने कहा कि कार्यवाही को देखकर बयान के बारे में विचार किया जाएगा. कांग्रेस के सांसद प्रभात झा के बयान पर हंगामा कर रहे हैं.
पूर्वोत्तर की स्थिति पर बोलते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में स्थिति सामान्य है और वहां शांति के लिए हर मुमकिन कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि जरूरी हुआ तो पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी की जाएगी. गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार में पूर्वोत्तर राज्यों में विकास काफी तेज हुआ है. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल पर कुछ गलत बातें फैलाई जा रही हैं जो कि सरासर गलत हैं. मंत्री ने कहा कि तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए हम यह बिल लेकर आए हैं और यह सिर्फ असम के लिए नहीं है बल्कि पूरे देश के लिए है. गृह मंत्री ने कहा देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे प्रवासियों पर भी यह बिल लागू होगा.
मनोज कुमार झा ने दिखाया झुनझुना
मनोज कुमार झा ने कहा कि कैबिनेट से लेकर आखिरी पायदान तक जाति का असर पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर आप सुप्रीम कोर्ट की सीमा तोड़ रहे हैं तो ओबीसी को भी बढ़ाकर आरक्षण दीजिए. झा ने कहा कि इस बिल के जरिए जातिगत आरक्षण को खत्म करने का रास्ता तय हो रहा है. उन्होंने कहा कि कानूनी और संवैधानिक तौर पर यह बिल खारिज होता है. झा ने कहा कि आरक्षण देना है तो निजी क्षेत्र में भी दीजिए, वहां हाथ लगाने से क्यों डर रहे हैं. आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए. उन्होंने झुनझुना दिखाते हुए कहा कि आमतौर पर ये बजता है लेकिन इस दौर में यह सरकार के पास है जो सिर्फ हिलता है बजता नहीं है.