Ministry of Home Affairs. गृह मंत्रालय के जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक देश की यद सुरक्षा एजेंसिया देश में किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकती है.
गृह मंत्रालय के जिन सुरक्षा एजेंसियों को आपको कंप्यूटर में सेधमारी करने का अधिकार दिया है उसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस शामिल है.
MHA: Competent authority hereby authorizes the following security and intelligence agencies (in attached statement) for purposes of interception, monitoring and decryption of any information generated, transmitted, received or stored in any computer resource under the said act pic.twitter.com/3oH9e7vv6T
— ANI (@ANI) December 21, 2018
केंद्र सरकार के इस फैसले पर AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार ने महज एक सामान्य से सरकारी आदेश के जरिए देश में सभी कंप्यूटर की जासूसी का आदेश दे दिया है. ओवैसी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, क्या केन्द्र सरकार इस फैसले से ‘घर-घर मोदी’ का अपना वादा निभा रही है.’
Modi has used a simple Government Order to permit our national agencies to snoop on our communications.
Who knew that this is what they meant when they said ‘ghar ghar Modi’.
George Orwell’s Big Brother is here & welcome to 1984. pic.twitter.com/DrjQkdkBKh
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 20, 2018