बड़ी रोचक है अपने तिरंगे की कहानी, कई बार बदला जा चुका है रंग रूप

नई दिल्ली: प्रत्‍येक स्‍वतंत्र राष्‍ट्र का अपना एक ध्‍वज होता है. ध्वज एक स्‍वतंत्र देश होने का संकेत है. भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज की अभिकल्‍पना पिंगली वैंकैयानन्‍द ने की थी और इसे इसके वर्तमान स्‍वरूप में देश की आजादी के कुछ दिन पहले 22 जुलाई 1947 को आयोजित की गई भारतीय संविधान सभा की बैठक के दौरान अपनाया गया था.

इसे 15 अगस्‍त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्‍ट्रीय ध्‍वज के रूप में अपनाया गया और इसके पश्‍चात भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया. भारत में ‘तिरंगे’ का अर्थ भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज है. अपने वर्तमान रूप में आने से पहले भारत के ध्वज ने 6 बार अपना रंग रूप बदला.

पहला तिरंगा

सबसे पहले तिरंगे को 7 अगस्त, 1906 को कलकत्ता (वर्तमान में कोलकाता) के पारसी बागान स्क्वेयर में फहराया गया था. इस झंडे में तीन रंग की पट्टियां थी. जिनमें बीच की पट्टी पर वंदे मातरम लिखा था. इस बीच में सफेद की बजाए पीली पट्टी थी. वहीं नीचे की पट्टी लाल थी जिस पर अर्ध चंद्र और सूरज बना था. इसके अलावा सबसे ऊपरी हरी पट्टी पर कमल का फूल अंकित था.

बर्लिन कमेटी का झंडा

यह भी पहले झंडे से काफी कुछ मिलता जुलता था. इसमें बीच की पीली पट्टी पर वंदे मातरम लिखा था. इसमें ऊपरी पट्टी पर कमल के फूल की बजाए सात तारे छपे थे, जो कि सप्तर्षि का तारामंडल का प्रतीक थे. इसे 1907 में मैडम काम ने फहराया था. साथ ही इसे बर्लिन में आयोजित एक सभा में भी भारत के झंडे के रूप में फहराया गया.

होम रूल आंदोलन का झंडा

इसके बाद तीसरी बार भारत का झंडा सामने आया नए रूप में होम रूल आंदोलन के दौरान. 1917 में इस झंडे को होम एनी बेसेंट और लोकमान्य तिलक ने फहराया था. इस झंडे में पांच लाल और चार हरी पट्टियां थीं. इन पर सात तारे अंकित थे. इसके बाएं कोने में ऊपरी ओर ब्रिटेन का आधिकारिक झंडा भी छपा था.

अनौपचारिक तिरंगा झंडा

1921 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की एक बैठक में आयोजित एक युवा ने गांधी जी को यह झंडा दिया. यह तीन रंग की पट्टियों से बना था और इस पर नीले रंग में चरखा अंकित था. इसके तीन रंगों सफेद रंग सबसे ऊपर, उसके नीचे हरा रंग और सबसे नीचे लाल रंग था.

स्वराज झंडा

स्वतंत्रता आंदोलन के समय में खिलाफत आंदोलन में 3 रंग वाले स्वराज झंडे का प्रयोग हुआ। इस आंदोलन में मोतीलाल नेहरू ने स्वराज झंडे को थामा और 1931 में कांग्रेस ने ही स्वराज झंडे को राष्ट्रीय ध्वज की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृति प्राप्त इस स्वराज झंडे में ऊपर केसरिया रंग बीच में सफेद रंग और नीचे हरा रंग था। जिसके बीच में नीले रंग का बना हुआ चरखा था।

तिरंगा

भारत के वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज की कल्पना पिंगली वेंकैयानंद ने की थी. तिरंगे को इस रूप में पहली बार भारतीय संविधान सभा की 22 जुलाई को आयोजित बैठक में अपनाया गया था. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाया गया.

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