भारत-पाक संबंध में सुधार के लिए सरकार नहीं उठाएगी 2019 चुनाव से पहले कोई बड़ा कदम!

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीछ संबंधों को सुधारने के लिए सरकार 2019 लोकसभा चुनवों से पहले कोई बड़ा या फिर महत्वपूर्ण कदम उठाने के मूड में नहीं है. दरअसल, गुरुवार को आधिकारिक सूत्रों ने जानकारी दी कि भारत-पाक संबंध में सुधार के लिए कोई महत्वपूर्ण कदम उठाए जाने की संभावना 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले नहीं है. हालांकि, उन्होंने किसी भी प्रकार के सकारात्मक बदलाव से पूरी तरह इंकार भी नहीं किया.

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इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों को प्रताड़ित करने के संबंध में सवाल पर सूत्रों ने कहा कि वहां कर्मचारियों की संख्या कम करने पर भारत अभी विचार नहीं कर रहा है. बार-बार भारत के अनुरोध करने के बावजूद इस्लामाबाद में मिशन के लिए नव-निर्मित आवासीय भवनों को पाकिस्तान ने अब तक गैस कनेक्शन नहीं दिए हैं. सूत्र ने बताया कि ‘हमारे राजनयिकों को हर मोड़ पर प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है. इस्लामाबाद में हमारे उच्चायोग का भवन और परियोजनाएं 10 साल से रुकू हुई हैं. हमने बिना गैस आपूर्ति के लोगों को उच्चयोग के भवन में रहने को बोल दिया है.’

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उन्होंने बताया कि नए भवनों के लिए फर्नीचर सीमा पर ही रुके हुए हैं. साथ ही पाक ने टेलीफोन कनेक्शन भी नहीं दिए हैं. इस साल की शुरुआत में इस्लामाबाद स्थित भारतीय मिशन के अधिकारियों की प्रताड़नाओं के संबंध में सूत्र ने संकेत दिया कि भारत ने जैसे को तैसा का व्यवहार किया है. करतारपुर गलियारे के संबंध में सवाल करने पर सूत्रों ने बताया कि ये सांस्कृतिक कदम है, कोई राजनीतिक या कूटनीतिक कदम नहीं है. सूत्रों ने कहा कि करतारपुर गलियारा खोलने का मतलब ये नहीं कि भारत बड़ मुद्दों पर पाकिस्तान बातचीत करेगा.

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