अपनी मांगों को लेकर किसान और आदिवासी लोक संघर्ष समिति के बैनर तले लगभग 30 हजार किसान बुधवार को मुंबई के नजदीक ठाणे पहुंचे, जिसके बाद ये किसान ठाणे से मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं.
किसानों द्वारा किया जा रहा ये मार्च मुलुंद से निकलकर आजाद मैदान तक जाएगा और यहां पर दो दिन की रैली का समापन 22 नवंबर को होगा. किसानों का कहना है कि पिछली रैली में उनको दिए गए आश्वासन अब तक पूरे नहीं हुए हैं.
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ये हैं किसानों की मांग
किसानों की मांग मुख्य रुप से लोड शेडिंग की समस्या, सूखे से राहत, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने, वनाधिकारी कानून लागू करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसी मांगे हैं, जिसे लेकर ये किसान सड़कों पर उतरे हुए हैं. किसानों का कहना है कि पिछले प्रदर्शन को लगभग 9 महीने हो गए हैं, जिसमें किसानों को कई आश्वासन दिए गए थे जो अब तक पूरे नहीं किए गए हैं.
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नहीं मिला आश्वासन, तो बढेगा आंदोलन
किसानों द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन में उनके साथ कई सामाजिक कार्यकर्ता और किसान आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल हुए हैं. वहीं संगठन की तरफ से कहा गया है कि अगर महाराष्ट्र सरकार की तरफ से कोई भी ठोस आश्वासन नहीं दिया जाता है तो आंदोलन को और भी आगे बढ़ाया जा सकता है. दरअसल, हर साल महाराष्ट्र का एक बड़ा हिस्सा सूखे की मार झेलता है. ऐसे में किसानों की आत्महत्या सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती है.