श्रीलंका के बाद अब आर्थिक संकट के बादल पड़ोसी मुल्क पकिस्तान पर भी छाते नज़र आ रहे हैं, दरअसल पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना के तहत काम कर रही चीन की करीब 25 कंपनियों को 300 अरब डॉलर का भुगतान नहीं मिलने पर इस महीने अपना परिचालन बंद करने की चेतावनी दी है।
पाक मीडिया ‘डॉन’ के अनुसार, पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री अहसान इकबाल की अध्यक्षता में आयोजित एक बैठक के दौरान चीन के स्वतंत्र बिजली उत्पादकों ने यह बात कही।
गौरतलब है कि ये कंपनियां पाकिस्तान में ऊर्जा, संचार, रेलवे जैसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं। बैठक के दौरान बिजली का उत्पादन करने वाली कंपनियों ने 300 अरब पाकिस्तान रुपये (15,95,920,800 डॉलर) का भुगतान नहीं मिलने को लेकर कड़ी नाराजगी जताई।
डॉन की माने तो चीनी अधिकारियों ने वीजा प्रक्रिया की जटिलता का शिकायत किया। साथ में उन्होंने कहा कि अधिकारी गर्मी के कारण इस मौसम में बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उत्पादन को अधिकतम करने के लिए दबाव डाल रहे हैं, लेकिन हमारे लिए यह असंभव है।
चीनी अधिकारियों ने शिकायत की कि ईंधन की कीमतें, विशेष रूप से कोयले की कीमतों में तीन से चार गुना वृद्धि हुई है, जिसका अर्थ है कि उन्हें ईंधन की व्यवस्था करने के लिए तीन से चार गुना अधिक पैसा दिया जाना चाहिए।
कंपनियों ने कहा की पूर्व की बिजली आपूर्ति का भुगतान नहीं हुआ हैं,कोविड महामारी के कारण आर्थिक दिक्कतें भी ज्यादा थीं। और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा चीनी यात्रा के दौरान बकाया भुगतान को लेकर की गई वादे भी असफल रही हैं इसलिए कंपनियों ने अगले महीने से परिचालन बंद करने का इरादा किया हैं। इधर इन सभी मामलों पे सरकार ने शीघ्र भुगतान की व्यवस्था करने के लिए कहा है। उन्होंने वादा किया कि इसी महीने उनकी वित्तीय समस्या को दूर कर दिया जाएगा।