अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मुसलमानों की बढ़ती आबादी से BSF चिंतित

नई दिल्ली: राजस्थान में पाकिस्तान से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जैसलमेर सेक्टर में मुसलमानों की लगातार बढ़ती आबादी पर सीमा सुरक्षा बल यानी बीएसएफ ने चिंता जताई है. बता दें कि ऐसी ही चिंता पहले भी गृह मंत्रालय के एक कार्यदल ने यूपी, बिहार और बंगाल को लेकर जताई थी.

बीएसएफ ने गृह मंत्रालय को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजस्थान के जैसलमेर में मुसलमानों की आबादी में करीब 22 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है. जबकि, अन्य समुदायों की आबादी में बढ़ोतरी का आंकड़ा 8 से 10 फीसदी है. रिपोर्ट के अनुसार जैसलमेर की कुल 6 लाख 69 हजार 919 लोगों की आबादी में 23.6 फीसदी मुस्लिम हैं.

जैसलमेर जिले का 471 किलोमीटर इलाका पाकिस्तान से लगा है. बीएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पोखरण और मोहनगढ़ में आए दिन यूपी के देवबंद से धार्मिक गुरु आते हैं. साथ ही एक धार्मिक स्थल से जुड़े तमाम लोग आए दिन यहां से पाकिस्तान भी जाते रहते हैं.

ये भी पढ़ें: पाकिस्तान राहुल गांधी के कहने पर गया था, मेरी आलोचना करने वाले अपना थूका चाट रहे हैं- नवजोत सिंह सिद्धू 

बता दें कि पहले भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में मुसलमानों की लगातार बढ़ती संख्या को लेकर केंद्र सरकार सर्वे करा चुकी है. यूपीए सरकार के दौरान गृह मंत्रालय के एक कार्यदल ने यूपी और बिहार की नेपाल से लगती 1751 किलोमीटर सीमा और बांग्लादेश से लगती सीमा के पास मुसलमानों की बढ़ती आबादी और मदरसों और मस्जिदों की बढ़ती संख्या को लेकर रिपोर्ट दी थी.

उस रिपोर्ट में बताया गया था कि बिहार में नेपाल से लगी सीमा के किनारे 1900 मदरसे खोले जा चुके थे. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि नेपाल सीमा से लगे यूपी के सिद्धार्थनगर, महराजगंज, बहराइच, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और बलरामपुर में 100 से ज्यादा नए मदरसे खुले थे. जबकि, इन्हीं जिलों से सटे नेपाल के इलाकों में 98 नए मदरसे खोले गए थे. नेपाल की सीमा पर यूपी के इन जिलों में 343 नई मस्जिदों को बनाए जाने की बात भी कार्यदल ने रिपोर्ट में कही थी. इनमें से 17 मस्जिदों में मदरसे भी थे. इसके अलावा रिपोर्ट में ये भी बताया गया था कि यूपी और बिहार के बीच इलाकों में भी 400 नए मदरसे खुले थे.

ये भी पढ़ें: बिहार में निर्वस्त्र महिला को घुमाने वाले 20 लोगों को मिला ये कठोर दंड

बीएसएफ की ताजा रिपोर्ट सीमा के आसपास पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की किसी नई चाल का इशारा कर रही है. हालांकि, अफसरों का कहना है कि वो समय-समय पर ऐसी रिपोर्ट भेजते हैं और सुरक्षा एजेंसियां हमेशा देखती हैं कि किसी इलाके में आबादी में समुदायों के प्रतिशत में बड़ा बदलाव तो नहीं आ रहा है.

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles